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भारत के राष्ट्रपति के संदर्भ में सवैधानिक इश्थिति, अनुच्छेद,योग्यता, कार्यकाल, विशेषाधिकार एवं नियुक्ति, Hindi में

भारत के राष्ट्रपति  के संदर्भ में सवैधानिक इश्थिति/


भारत के सविधानं में राष्ट्रपति का पद अन्य दूसरे पद से प्रतिष्ठित एवं गरिमापूर्ण होता है,

व्यवहारिक रूप में  राष्ट्रपति के शक्तियां, ब्रिटेन के रानी जैसी ही होती,

सवैधानिक सन्दभों को देखे तो राष्ट्रपति , गणतंत्र भारत का सबसे शक्तिशाली पद है, लेकिन व्यवहारिक रूप में असल शक्तियों का भोग, मन्त्रिपरिषद  एवं प्रधानमंत्री करते है।

राष्ट्रपति से सबंधित सवैधानिक उपबंध पर एक नजर डालते है,  राष्ट्रपति से सबंधित अनुच्छेद exam की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

★ सविधानं में Article 52 से 143 तक राष्ट्रपति के बारे में सवैधानिक प्रावधान है,।

★अनुच्छेद 52 के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा।
भारतीय सविधानं के अनुच्छेद 52 में राष्ट्रपति का उल्लेख है,  


magadhias

राष्ट्रपति  कौन बन सकता है? , इस संदर्भ में सविधानं कुछ योग्यताओं का प्रबन्ध किया हुआ है।

★ Qualifications  (योग्यता)
Article 58 के अनुसार

● भारत का नागरिक होना चाहिए।
● न्यूनतम आयु 35 वर्ष होना चहिए
● लोकसभा सदस्य बनने की योग्यता होना चहिए
● लाभ के पद पर नही होना चाहिए

>>  Note:/ Article 58 के तहत राष्ट्रपति ,
उपराष्ट्रपति ,राज्यपाल केन्द्र सरकार में या राज्य सरकार में आप मंत्री है तो ये लाभ का पद नही माना जायेगा।

वैसे तो सविधानं में एक लाइन से या एक सारणी में राष्ट्रपति के बारे में तो नही लिखा, लेकिन मैं कोशिश करूंगा, योग्यता से लेकर निर्वाचन मंडल सपथ >कार्य>अधिकार,कर्तव्य,महाभियोग,
इन सबको मैं एक एक line से ( Sequence) में बताऊंगा जिसे आपको समझने याद करने में आसानी हो।


अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के चुनाव में कोंन कोंन लोग भाग लेते है इस बात का उल्लेख है,

.निर्वाचंन मंडल क्या है - राष्ट्रपति चुनाव में जो लोग वोट देते है, उन वोटर्स के समूह को निर्वाचन मंडल कहा जाता है।

. राष्ट्रपति चुनाव में संसद के सभी निर्वाचित सदस्य इस चुनाव में भाग लेते है।

संसद = राष्ट्रपति +लोकसभा+ राज्यसभा

543 लोकसभा + 2 नॉमिनिटेड।    = 545
233 राज्यसभा + 12 नॉमिनिटेड। = 245
कुल 14 लोग जो नॉमिनेट होते है,  ये राष्ट्रपति चुनाव में भाग नही ले सकते।

राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सदस्य इस चुनाव में भाग नही लेते क्योकि ये Natural Justice के खिलाफ है, 

संसद के मनोनीत सदस्य इश्लिये राष्ट्रपति चुनाव में भाग नही लेते, क्योकि राष्ट्रपति द्वारा ही ये नियुक्ति होते है

भारत के 28 राज्यो के सभी विधान सभा के निर्वाचीत सदस्य इस चुनाव में भाग लेते है।

-राज्यपाल द्वारा एक एंग्लो इंडियन को विधान सभा मे नियुक्त किया जाता है,वो राष्ट्रपति चुनाव में भाग नही लेते है।

दिल्ली और पुडुचेरी को 70वॉ सविधानं
संसोधन (1991) के द्वारा राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल किया गया।

Derek O Brien प० बंगाल से  तृणमूल कोंंग्रेस से राज्ययसभ के सदस्य है।

2012 में एंग्लो इंडियन होते हुए भी राष्ट्रपति चुनाव में भाग लिया।

और वो पहले एंग्लो इंडियन है जो भारत के संसद के किसी सदन से निर्वाचीत होकर आए है, thats why 2012 राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लिया।


अनुच्छेद 55 में राष्ट्रपति के चुनाव का तरीका या कहे पद्धति का उल्लेख है।

राष्ट्रपति का चुनाव जिस पद्धति से होता है उसे एकल संक्रमणीय अनुपातिक गुप्त प्रणाली/ या एकल संक्रमणीय अनुपातिक प्ररणाली/ 
जिसे इलेक्टोरल कॉलेज भी कहा जाता है।


चुनाव जिस प्रकार होता है। उसको मोटे तौर पर दो भागों में बाट देते है।

(क) First past the post अग्रता ही विजेता।
अर्थात एक ऐसा चुनाव जिसमे सबसे ज्यादा वोट लेकर जो आएगा वही विजेता है, उसी को कहते है, First  Past The Post

(ख)  और इसके विपरीत आप जानते है। राष्ट्रपति चुनाव ने वह वेक्ति नही है जीतता है, जो सबसे ज्यादा वोट प्राप्त किया है, बल्कि एक निश्चित कोटा प्राप्त करता है।
जिसका वोटो का मूल्य सबसे अधिक होगा वह विजेता होगा।

Q. इस चुनाव में कोंन कोंन लोग उमीदवार बन सकते है?

इस चुनाव में वही लोग उमीदवार बन सकते है,जिसके नाम का 50 लोग प्रस्ताव रखेंगे। जिसे प्रस्तावक कहते है।

इसमें 50 प्रस्तावक तथा 50 अनुमोदक कुल 100 लोग होते है समिलित

इस चुनाव में जमानत राशि 15000 हजार होती है।
कुल वोट/ vaild Vote का 1/ 6 वोट  प्राप्त नही किये जाने पर जमानत राशि जब्त हो जाती है जो RBI के पास चला जााता है।

Note - हम सब जानते है आम इंसान इस चुनाव में भाग नही लेता ,
इस चुनाव में सासंद और विधायक इस चुनाव में भाग लेते है।




________________________________________________________________________
सबसे पहले विधायक का वोट का मूल्य ( value) निकाला जाता है,
इसका formulaa कुछ इस प्रकार है , उदारहण  स्वरूप , समझते है।

किसी भी विधायक के मत मूल्य निकालना हो तो,

पहले उस राज्य की जनसंख्या बटे उस राज्य की कुल विधानसभा सीटों की संख्या गुना 1 बटे एक हजार

जनसंख्या का आधार वर्ष 1971 होना चाहिए और यह 2026 तक चलेगी।

● बिहार की जनसंख्या 1971 में 42126236 करोड़ थी, विधानसभा सीट की संख्या  243

अर्थात       42126236/ 243 ×1/1000
इसको आप हल करेंगे तो बिहार के एक विधायक का वोट का मूल्य 173  निकल जायेगा


●किसी राज्य के विधान सभा भंग होने पर राष्ट्रपति के चुनाव नही रुकेंगे।



● इसी प्रकार एक सांसद का मत मूल्य निकाला जाता है,, formula= सभी राज्यो के विधायक का मत मूल्य जोड़ देँगे  ÷ संसद के निर्वाचित सदस्य संख्या ( लोकसभा 543 ओर राज्यसभा 233 = 776)

तो एक सांसद के मत मूल्य निकल जायेगा
________________________________________________________________________

1971 में जो जनसंख्या थी उस राज्य के उसी में अनुसार विधायको के मतों के मूल्य निकाला जाता है, जैसे 2011 के जनसंख्या के अनुसार बिहार के जनसख्या लगभग 10 करोड़ है, वही 1971 के 
अनुसार  लगभग 4 करोड़

 
सभी राज्यो के विधायकों के वोटों का मूल्य ,नीचे दिए सारणी में दिए गए है।
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1.

आंध्र प्रदेश

175

27800586

159

159 × 175 = 27825

2.

अरुणाचल प्रदेश

60

467511

8

008 × 060 = 480

3.

असम

126

14625152

116

116 × 126 = 14616

4.

बिहार

243

42126236

173

173 × 243 = 42039

5.

छत्तीसगढ़

90

11637494

129

129 × 090 = 11610

6.

गोवा

40

795120

20

020 × 040 = 800

7.

गुजरात

182

26697475

147

147 × 182 = 26754

8.

हरियाणा

90

10036808

112

112 × 090 = 10080

9.

हिमाचल प्रदेश

68

3460434

51

051 × 068 = 3468

10.

जम्मू और कश्मीर*

87

6300000

72

072 × 087 = 6264

11.

झारखंड

81

14227133

176

176 × 081 = 14256

12.

कर्नाटक

224

29299014

131

131 × 224 = 29344

13.

केरल

140

21347375

152

152 × 140 = 21280

14.

मध्य प्रदेश

230

30016625

131

131 × 230 = 30130

15.

महाराष्ट्र

288

50412235

175

175 × 288 = 50400

16.

मणिपुर

60

1072753

18

018 × 060 = 1080

17.

मेघालय

60

1011699

17

017 × 060 = 1020

18.

मिजोरम

40

332390

8

008 × 040 = 320

19.

नागालैंड

60

516449

9

009 × 060 = 540

20.

ओडिशा

147

21944615

149

149 × 147 = 21903

21.

पंजाब

117

13551060

116

116 × 117 = 13572

22.

राजस्थान

200

25765806

129

129 × 200 = 25800

23.

सिक्किम

32

209843

7

007 × 032 = 224

24.

तमिलनाडु

234

41199168

176

176 × 234 = 41184

25.

तेलंगाना

119

15702122

132

132 × 119 = 15708

26.

त्रिपुरा

60

1556342

26

026 × 060 = 1560

27.

उत्तराखंड

70

4491239

64

064 × 070 = 4480

28.

उत्तर प्रदेश

403

83849905

208

208 × 403 = 83824

29.

पश्चिम बंगाल

294

44312011

151

151 × 294 = 44394

30.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली

70

4065698

58

058 × 070 = 4060

31.

पुदुचेरी

30

471707

16

016 × 030 = 480

 कुल

4120

549302005

 

 = 549495




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.किसी  राज्य के विधान सभा भंग होने पर राष्ट्रपति चुनाव नही रुकेगा ।

अगर राष्ट्रपति के चुनाव के सबन्ध में किसी प्रकार कोई विवाद हो  तो, Article 71 के तहत इसका सुनवाई केवल सुप्रीम कोर्ट ही करेगा,

● राष्ट्रपति के चुनाव में किसी प्रकार के विवाद उतपन्न होने पर Article 71 के अनुसार केवल ओर केवल सर्वोच्च न्यायालय ही करेगा। 30 दीन के अंदर।

★ राष्ट्रपति के चुनाव,  चुनाव आयोग (Election Commission) करवाता है, Article 324 में इसका उल्लेख है।

★ Article 60  में राष्ट्रपति द्वारा ली जाने वाली सपथ का उल्लेख है

माननीय राष्ट्रपति, सविधानं की रक्षा, तथा लोगो के कल्याण के सपथ लेते है

. Article 60  इस बात का भी उल्लेख है की, मुुख्य नाययधिश नाययधिस की अनुपस्थिति में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठम न्यायधीश कक सपथ दिला सकते है।

● 1977 के बाद नीलम संजीव रेडी ,भारत के एक मात्र निर्विरोध राष्ट्रपति  थे, उन्होंने 25 जुलाई को सपथ ली थी, उसके बाद बनने वला राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही सपथ लेेते है।

Note:-  ऐसा कुछ सविधानं में लिखा नही है।

25 जुलाई को ही 5 वर्ष खत्म होता है इश्लिये इतेफाक से 25 जुलाई ही  रह गया।


कार्यकाल (अनुच्छेद 56)

(1)   राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा: परंतु—

(क) राष्ट्रपतिउपराष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा;

(ख) संविधान का अतिक्रमण करने पर राष्ट्रपति को अनुच्छेद 61 में उपबंधित रीति से चलाए गए महाभियोग द्वारा पद से हटाया जा सकेगा;

(ग) भारतीय सविधानं में साफ  - साफ लिखा हुआ है,  Article 56 में जव तक नया राष्ट्रपति अपना पद नही  संभालते है तक पुराने जो राष्ट्रपति है। अपना काम करते रहेंग।



★ Article 57. भारत के राष्ट्रपति जितने बार चाहे राष्ट्रपति बन सकते है, Article के अनुसार,


★ Article 65 के अनुसार किसी कारण राष्ट्रपति का पद खाली हो जाय तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर अपना काम करेंगे।

● हमारे देश मे राष्ट्रपति पद कमी खाली नही होता।
● राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र  उपराष्ट्रपति को देते है,  और उपराष्ट्रपति लोकसभा।अध्यक्ष को देते है।



magadhias



★ विषेशाधिकार Article 361.

(1) भारत के राष्ट्रपति के विषेशाधिकार का उल्लेख Article 361

() भारत के कोई भी कोर्ट लोवर कोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति के पद पर रहते कोई भी नोटिस जारी नहीं कर सकता है।

() राष्ट्रपति के पद पर रहते कोई भी फौजदारी या क्रिमिनल या दीवानगी मामले जैसे विरोध, नोटिस जारी नही कर सकता।

(ग)  दीवानी मामले में 2 महीने पूर्व राष्ट्रपति को इस बात की जानकारी देँगे की शिकायत करने वला कौन है, उसका पता क्या है ,शिकायत की प्रकृति क्या है, आधार पर 2 मदिने पूर्व राष्ट्रपति को सूचना देकर रास्ट्रपति से पूछ - ताछ कर सकते है, Article 361 के अनुसार।



   Article 61 राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया—

महाभियोग क्या है।। महाभियोग वो प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति और सर्वोच्य न्यायलय तथा उच्य न्यायालयों के न्यायाधीश को हटाने के लिए किया जाता है।

इसका उल्लेख ,सविधानं के अनुच्छेद ,61 ,124(4)  (5), 217 और 218 में मिलता है,

महाभियोग प्रस्ताव सिर्फ तभी लाया जा सकता है जब सविधानं का उलंघन ,दुर्व्यवहार या, अक्षमता साबित हो गए हो।

महाभियोग प्रस्ताव संसद के किसी सदन में लाया जा सकता है,

● लेकिन लोकसभा में इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए कम से कम  100 सदस्यों दस्तखत की जरूरत होती है,

● और राज्यसभा में कम से कम 50 सांसदों के   दस्तखत  की जरूरत होती है,      

इसके बाद महाभियोग प्रस्ताव को सदन के स्पीकर या अध्यक्ष उस प्रस्ताव को स्वीकार कर ले ( खारिज भी कर सकता है) तो तीन सदस्यों की एक समिति बनाकर आरोपों की जांच करवाई जाती है,

(1)   जब संविधान के अतिक्रमण के लिए राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाना होतब संसद का कोई सदन आरोप लगाएगा।

(2)   ऐसा कोई आरोप तब तक नहीं लगाया जाएगा जब तक कि—

(क) ऐसा आरोप लगाने की प्रस्थापना किसी ऐसे संकल्प में अंतर्विष्ट नहीं हैजो कम से कम चौदह दिन की ऐसी लिखित सूचना के दिए जाने के पश्चात् प्रस्तावित किया गया है जिस पर उस सदन की कुल सदस्य संख्या के कम से कम एक—चौथाई सदस्यों ने हस्ताक्षर करके उस संकल्प को प्रस्तावित करने का अपना आशय प्रकट किया हैऔर

(ख) उस सदन की कुल सदस्य संख्या के कम से कम दो—तिहाई बहुमत द्वारा ऐसा संकल्प पारित नहीं किया गया है।

(3)   जब आरोप संसद के किसी सदन द्वारा इस प्रकार लगाया गया है तब दूसरा सदन उस आरोप की जांच करेगा या कराएगा और ऐसी जांच में उपस्थित होने का तथा अपना प्रतिनिधित्व कराने का राष्ट्रपति को अधिकार होगा।

(4)   यदि जांच के परिणामस्वरूप यह घोषित करने वाला संकल्प कि राष्ट्रपति के विरुद्ध लगाया गया आरोप सिद्ध हो गया हैआरोप की जांच करने या कराने वाले सदन की कुल सदस्य संख्या के कम से कम दो—तिहाई बहुमत द्वारा पारित कर दिया जाता है तो ऐसे संकल्प का प्रभाव उसके इस प्रकार पारित किए जाने की तारीख से राष्ट्रपति को उसके पद से हटाना होगा।


62. राष्ट्रपति के पद की रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन संचालित करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि—

(1)   राष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से हुई रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचनपदावधि की समाप्ति से पहले ही पूर्ण कर लिया जाएगा।


(2)   राष्ट्रपति की मृत्युपद त्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से हुई उसके पद की रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचनरिक्ति होने की तारीख के पश्चात् यथाशीघ्र और प्रत्येक दशा में छह मास बीतने से पहले किया जाएगा और रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्तिअनुच्छेद 56 के उपबंधों के अधीन रहते हुएअपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की पूरी अवधि तक पद धारण करने का हकदार होगा।   


















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