अमेरिका के 1787 के संविधान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें । (Write short note on the constitution of America (1787)
1787 का संविधान (Constitution of 1787 ) – 1787 के संविधान की रूपरेखा तैयार करने में मैडीसन की प्रमुख भूमिका थी। उसने इस संविधान के स्वरूप पर टिप्पणी करते हुए कहा, "यह संविधान न तो राष्ट्रीय है और न संघीय, अपितु यह दोनों का मिश्रण है।"
![]() |
james madison father of the constitution image source:- wikipedia |
इसकी कुछ प्रमुख विशेषतायें निम्न प्रकार है- Some of its main features are as follows-
(i) कानून की सर्वोच्चता- संविधान के अन्तर्गत सभी कानून और सन्धियाँ सर्वोच्च कानून माने गये।
(ii) केन्द्रीय सरकार केन्द्रीय सरकार को व्यापक अधिकार दिये गये । इनमें कांग्रेस के कारारोपण अधिकार, वाणिज्य-विनियमन, वित्त-नियंत्रण आदि भी सम्मिलित थे।
(iii) राज्यों पर अंकुश राज्यों को मुद्रा निर्गत संविदा तोड़ने से सम्बन्धित कानून बनाने आदि अधिकार से वंचित किया गया।
(iv) भक्ति - अब राज्य के सभी अधिकारियों को नये संविधान के प्रति भक्ति की शपथ लेनी आवश्यक कर दी गयी
(v) राज्यों की सेना -संविधान लागू करने के लिये आवश्यकता पड़ने पर राज्यों को अपनी सेनायें भेजने का प्रावधान किया गया ।
(vi) संप्रभुता राज्यों की संप्रभुता समाप्त हो गई। परिसंघ के अनच्छेद में कहा गया था कि प्रत्येक राज्य उन अधिकारों का उपयोग करेगा जो कांग्रेस द्वारा संयुक्त राज्य को प्रदत्त नहीं किये गये हैं।
(vii) केन्द्रीय सरकार की सीमायें केन्द्रीय सरकार की शक्ति सीमित करने के लिये कोई विधेयक नहीं था ।
(viii) संघात्मक स्वरूप-संविधान संघीय था। इसमें प्रत्येक राज्य का अस्तित्व गया था। उन्हें पर्याप्त अधिकार भी दिये गये थे । राज्यों को अलग और समान रूप से नई धारा सभा में प्रतिनिधित्व दिया गया था । (ix) शक्तियों का पृथक्करण- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के अधिकार मानाएक दूसरे से अलग कर दिये गए ।
(x) द्विसदनात्मक व्यवस्थापिका नई कांग्रेस में दो सदन थे सीनेट (Senate) और - प्रतिनिधि सदन (House of Representatives) । प्रत्येक सदन के प्रतिनिधि भिन्न-भिन प्रकार से निर्वाचित होते थे। उनका कार्यकाल भी भिन्न-भिन्न था। दोनों सदनों की व्यवस्था इस प्रकार की गयी कि वे एक-दूसरे पर नियन्त्रण और सन्तुलन करते थे दोनों की सहमति से ही कोई विधेयक पारित होता है ।
(xi) राष्ट्रपति - कार्यपालिका में एक ही व्यक्ति था जो राष्ट्रपति कहलाता था। वह विशेष निर्वाचकों द्वारा चुना जाता था। वह कांग्रेस के कानूनों पर निषेधाधिकार लगा सकता था। सर्वोच्च कार्यपालिका शक्तियाँ उसी को प्राप्त थी।
(xii) उच्चतम न्यायालय एक उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) की भी व्यवस्था
की गई। राष्ट्रपति सीनेट की अनुमति से इसके न्यायाधीशों की नियुक्ति करता था।
(xiii) विरोधी विचार इस प्रकार, 1787 का संविधान कोई निश्चित योजना का परिणाम नहीं, अपितु विरोधी विचारों का समझौता था।
0 टिप्पणियाँ
magadhIAS Always welcome your useful and effective suggestions