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भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी की महत्वपूर्ण बिंदुओं का विश्लेषण।Analysis of the important points of enmity between India and Pakistan.

भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के महत्वपूर्ण बिन्दुओं की विवेचना  the main points of Irritation between India and Pakistan

political map of India, magadhIAS,
Political map of india and pakistan: magadhIAS

कश्मीर ( kashmir) विवाद 

कश्मीर Kashmir— वैसे तो  कश्मीर कोई विवादित भूमि है ही नही, क्योकि जब पाकिस्तान बना था तब नही उसके हिस्से में बलूचिस्तान आया था और नही जम्मू कश्मीर, बलूचिस्तान को भौगोलिक बढ़त के कारण कब्जा लिया वहां के बसिंदे को मार दिया गयाब कर दिया ,परन्तु कश्मीर के साथ जब उसने अपनी इश्लामिक जिहादियों को भेज कर कब्जाना चाहा, उस समय तक स्वतंत्र कश्मीर के राजा हरि सिंह ने कश्मीर पर हमले को रोकने के लिए भारत सरकार से मदद मांगे, सरकार का मत साफ था, मैं क्यों मदद कर, किस अधिकार से करू अगर पाकिस्तान को भारत जवाबी करे भी तो किस अधिकार से ,क्योकि अभी तक  जम्मू कश्मीर एक स्वतंत्र क्षेत्र था ?, महाराज हरि सिंह ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए जम्मू कश्मीर को भारत के नाम कर दिया,  अब भारत के पास वो अधिकार आ गया था जिसे पाकिस्तान को जवाबी करवाई से जवाब दिया जा सके। क्योकि अब जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन चुका था।


यहां पर पाकिस्तान को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा था, उसने एक अलग राग अलापने सुरु कर दिए ताकि अपने दोषों का जिम्मा भारत पर थोप दे। पाकिस्तान अब कहता  है कि 26 अक्टूबर, 1947 को महाराजा हरि सिंह ने भारत के विलय-पत्र पर स्वेच्छा से हस्ताक्षर नहीं किये थे, उन्होंने भारत के दबाव में आकर ऐसा किया अर्थात् यह विलय अवैध है, कश्मीर में लोक निर्णय कराया जाना चाहिए। भारत इस आग्रह को स्वीकार नहीं कर सकता ।।     

नदियों के जल को लेकर आपस मे विवाद  (River Water Dispute)

नदियों के जल का विवाद-River water dispute 1960 में सिन्धु नदी जल समझौता हो गया। भारत इस समझौते के तहत झेलम व चिनाव नदियों के पानी का प्रयोग करता है जिससे पाकिस्तान को मिलने वाले पानी की मात्रा में कमी नहीं आती।  किन्तु पाकिस्तान की आपत्ति है कि भारत कश्मीर में बुलर योजना के क्रियान्वयन को रोक दे क्योंकि झेलम नदी के पानी की नहर काटने से उसका पानी कम हो जायेगा। पाकिस्तान को बगलिहार योजना पर भी आपत्ति है क्योंकि उसके अनुसार इससे उसे चिनाव नदी से मिलने वाले पानी की मात्रा कम हो जायेगी।  भारत ऐसी आपत्तियों को नहीं मानता। 

3. सियाचीन हिमखंड Siachen Glacier

जम्मू-कश्मीर का उत्तरी बर्फीला भाग पाकिस्तान को मिलना चाहिए क्योंकि यह उसके प्रादेशिक क्षेत्र में आता है। भारत ऐसे आग्रह को स्वीकार नहीं।कर सकता ।


4. सरक्रीक (Sir Creek)

गुजरात का यह दलदली टुकड़ा भारत के प्रदेश में आता है, लेकिन पाकिस्तान इसका अपनी सीमा में होने का दावा करता है। उसके आंकलनानुसार यहाँ नीचे तेल व प्राकृतिक गैस का भण्डार है। भारत इस दावे को स्वीकार नहीं कर सकता ।

5. सीमा पारीय आतंकवाद (Cross Border Terrorism-)

पाकिस्तान के मदरसों में आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो भारत में घुसकर हिंसात्मक गतिविधियाँ करते हैं। पाकिस्तान कश्मीर के आतंकवादियों को स्वतन्त्रता सेनानी कहता है ।
18 सितंबर 2016 को जम्मू और कश्मीर के uri सेक्टर में LOC के पास स्थित indian army के स्थानीय मुख्यालय पर  हमला हुआ 20 वर्षों में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला था, भारत सरकार ने इसका मुहतोड़ जवाब देने की ठानी और 28 सितंबर  की  रात को  भारतीय सेना के para Camando  ने बटालियन ने पाकितान  में घुस कर आतंकी ठिकानों पर हमला किया।। जिसको sergikal strike कहा गया।
पाकिस्तान  army के सह पर आए आतंकी भारत को छत विछत करने की हमेसा से कोशस करते आया है।
इसी समय भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी  ने कहा था, "खून और पानी साथ साथ नही बह सकता"  इसी समय से सिंधु जल संधि की समीक्षा शुरू कर दी



6. कट्टरपंथी इश्लामिक विचार धारा (,Radical Islamic Ideology,) 

चुकी पाकिस्तान बना ही इश्लाम के नाम पर था, इश्लिये 75 वर्षो से इसकी परवरिस भी उसी रूढ़िवादी कट्टर इश्लामिक सोच में हुई है,  स्थिती आज है कि, विश्व का कोई भी आतंकी संगठन  ,जो विश्व मे इश्लाम को तलवार के दम पर,   जबरन मार - काट के द्वारा धर्मांतरण करा रहा हो ,या ऐसा करने की विचार कर रहा वो पाकिस्तान के जन जन उसके प्रति अपनी सहानुभूति रखते है, 

फिर चाहे, ISIS, हो अलकायदा हो, लश्कर ए तोएबा हो, ऐसे सैकड़ो है,जो कुरान और सरिया को तलवार के दम पर विश्व मे फैलाने की चाह रखते है क्योंकि मदरसों में पाठ्यक्रम ही इस तरह की बनाई गई है।

चुकी इश्लाम में ,लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, समानता, महिलाओं के स्वतंत्रता, सहिष्णुता आदि का कोई जगह नही है,  यह भी बहुत बड़ा कारण है, पाकिस्तान के मन मुटाव की, यह रूढ़िवादी सोच जो गैर मुश्लमान को काफ़िर समझता, उसे घृणा करता,  यही कारण की आज पाकिस्तान-अफगानिस्तान  ,सीरिया इराक ,ईरान यमन आदि देश आगे बढ़ने के बजाय हर वर्ष दशकों पीछे जा रहे।।     जब तक पाकिस्तान सरिया - कुरान से ऊपर उठकर एक वैश्विक और आधुनिक सोच नही लाता, भाईचारे की विचार को नही अपनाता उम्मीद कम है ,भारत और पाकिस्तान के मध्य रिश्ते सामान्य होने की। 

कई शांति प्रिय अंधे, गूंगे ,बहरे बुद्धिजीवी 

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