बंद प्रत्यक्षीकरण से क्या आशय है ? (What do you mean by Habeas Corpus ? )
व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए यह लेख सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह उस व्यक्ति की प्रार्थना पर जारी किया जाता है जो यह समझता है कि उसे अवैध रूप से बंदी बनाया गया है। इसके द्वारा न्यायालय बंदी करने वाले अधिकारी को आदेश देता है कि वह बंदी बनाये गये व्यक्ति को निश्चित समय और स्थान पर उपस्थित करें, जिससे न्यायालय बंदी बनाये गये कारणों पर विचार कर सकें। दोनों पक्षों की बात सुनकर न्यायालय इस बात का निर्णय करता है कि नजर बंद वैध है अथवा अवैध । इस प्रकार अनुचित एवं गैर कानूनी रूप से बंदी बनाये गए व्यक्ति बंदी प्रत्यक्षीकरण के लेख के आधार पर स्वतंत्रता प्राप्त कर सकता है।
परमादेश क्या है ?(What is Mendamus ?)
परमादेश का लेख उस समय जारी किया जाता है जब कोई पदाधिकारी अपने सार्वजनिक कर्त्तव्य का निर्वाह नहीं करता। इस प्रकार के आज्ञा पत्र के आधार पर पदाधिकारी को अपने कर्तव्य पालन का आदेश जारी किया जाता है।
प्रतिशेष क्या है ? (What is Prohibition?
यह आज्ञापत्र सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा निम्न-न्यायालयों तथा अर्द्धन्यायिक न्यायाधिकरणों को जारी करते हुए उन्हें आदेश दिया जाता है कि वे इस मामले में अपने यहाँ कार्यवाही स्थगित करें क्योंकि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है ।
उत्प्रेषण क्या है ? (What is Certiorari ? )
यह आज्ञा पत्र अधिकांशतः किसी विवाद को निम्न न्यायालय से उच्च न्यायालय में भेजने के लिए जारी किया जाता है जिससे वह अपनी शक्ति से अधिक अधिकारों का उपयोग न करें या अपनी शक्ति का दुरूपयोग करते हुए न्याय के प्राकृतिक सिद्धान्तों को भंग न करें। इस आज्ञापत्र के आधार पर उच्च न्यायालय निम्न न्यायालयों से किन्हीं विवादों के संबंध में सूचना भी प्राप्त कर सकते हैं।
अधिकार पृच्छा क्या है ? (What is Quo Warranto ?)
जब कोई व्यक्ति ऐसे पदाधिकारी के रूप में कार्य करने लगता है जिसके रूप में कार्य करने का उसे वैधानिक रूप से अधिकार नहीं है तो न्यायालय अधिकार पृच्छा के द्वारा उस व्यक्ति से पूछता है कि वह किस आधार पर इस पद पर कार्य कर रहा है और जब वह इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर नहीं देता, वह कार्य नहीं कर सकता ।
कानूनी अधिकार से क्या तात्पर्य है ? (What do you mean by ligal rights ? ) —
ये वे अधिकार हैं जिनकी व्यवस्था राज्य द्वारा की जाती है और जिनका उल्लंघन कानून से दण्डनीय होता है। कानून का संरक्षण प्राप्त करने के कारण इन अधिकारों को लागू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाती है।
लीकॉक के अनुसार, "कानूनी अधिकार वे विशेषाधिकार है जो एक नागरिक को अन्य नागरिकों के विरुद्ध प्राप्त होते हैं तथा जो राज्य की सर्वोच्च शक्ति द्वारा प्रदान किए जाते हैं और रक्षित होते हैं। "
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