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साधारण विधेयक एवं धन विधेयक में तुलना ( Ordinary Bill and Money Bill)

धन विधेयक एक साधारण विधेयक से किस प्रकार भिन्न है?

संसद में प्रस्तुत होने वाला साधारण विधेयक और धन विधयक, का अपना अपना महत्व व प्रभाव है, जहां धन विधेयक को केवल  लोकसभा में प्रस्तावित किया जाता है, वही साधारण विधेयक को राज्यसभा अथवा लोकसभा  कहीं भी प्रस्तावित किया जा सकता है,    


धन विधेयक एवं साधरण विधेयक में  तुलना -Comparison between Money Bill and Ordinary Bill


Indian parliament :source; rajyasabha

साधारण विधेयक (Ordinary Bill)

1. इसे लोक सभा या राज्य सभा में कहीं भी प्रस्तावित किया जा सकता है।

2. इसे मंत्री अथवा गैर-सरकारी सदस्य दोनों द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।

3. इसे सदन में प्रस्तुत करने से पूर्व राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक नहीं है।

4. इसे राज्य सभा द्वारा संशोधित या अस्वीकृत किया जा सकता है।

 5. इसे राज्य सभा अधिकतम छह माह के लिए रोक सकती है।

 6. इसे राज्यसभा में भेजने के लिए लोक सभा अध्यक्ष के द्वारा प्रमाणित किए जाने की आवश्यकता नहीं होती है।

7. दोनों सदनों में असहमति की स्थिति में राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकता है। इसे दोनों सदनों में पारित होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है।

8. यह विधेयक लोकसभा में अस्वीकृत होने पर सरकार को त्यागपत्र देना पड़ सकता है। (यदि इसे मंत्री ने प्रस्तुत किया हो।)

9. इसे राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत या अस्वीकृत किया जा सकता है अथवा पुनर्विचार के लिए भेजा जा सकता है।

धन विधेयक एवं संविधान संशोधन विधेयक के सम्बंध में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक नहीं बुलायी जा सकती है।

- निश्चित अवधि के लिए भारतीय संचित निधि से धन निकालने की साधारण विधेयक एवं धन विधेयक में तुलना

धन विधेयक (Money Bill)

1. इसे केवल लोक सभा में प्रस्तावित किया जा सकता है।

 2.इसे केवल सरकार के किसी मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।

3. इसे सदन में राष्ट्रपति की संस्तुति से ही पुर: स्थापित किया जा सकता है।

 4. इसे राज्यसभा द्वारा संशोधित या अस्वीकृत नहीं किया जा सकता है।

 5. इसे राज्य सभा अधिकतम 14 दिनों के लिए रोक सकती है।

 6. इसे लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा धन विधेयक के रूप में प्रमाणित किए जाने की आवश्यकता होती है।

7. इसमें दोनों सदनों के बीच असहमति का कोई अवसर ही नहीं होता है. इसलिए संयुक्त बैठक का कोई प्रावधान नहीं है। इसे केवल लोक सभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है। 

8. यह विधेयक लोक सभा में अस्वीकृत होने पर सरकार को त्यागपत्र देना पड़ता है।

9. इसे राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत या अस्वीकृत किया जा सकता है, परन्तु पुनर्विचार के लिए नहीं लौटाया जा सकता है।

  

धन विधेयक एवं सविधानं  संसोधन विधेयक के सबन्ध में दोनो सदनों की सयुक्त बैठक नही बुलाई जा सकती है।

#Ordinary Bill  and #Money Bill

 

Ordinary Bill ( article 107,Article 108) Article 110)
Financial Bill ( Article 117(1) ,article 117(3)

सविधानं संसोधन Constitutional Amendment article 368)

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