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CAG (नियंत्रक महालेखापरीक्षक अनुच्छेद 148 (UPSC, PCS, SSC

भारत के नियंत्रक एवं म्हालेखपरिक्षक भारत की सर्वोच्च लेखा परीक्षक संस्था है।



magadhIAS
Emblem of India 




सवैधानिक इश्थिति.. Constitutional provision

● Article 148

भारतीय सविधानं का article 148 के अनुसार, भारत का एक नियंत्रक - महालेखापरीक्षक होगा, जिसका राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा नियुक्त करेगा। अर्थात warrant जारी किया जाता है।

भारत के नियंत्रण म्हालेखपरिक्षक को राष्ट्रीय वित्त का संरक्षक कहा जाता है, देश,के राजस्व का  की Audit  और Accounting का कार्य करता है,  भारत मे जितने भी इंफ्रास्ट्रक्चर, बनते है,  रक्षा, से लेकर शिक्षा तक सभी प्रकार के लेंन देंन व खर्च का हिसाब किताब रखने का कार्य CAG करता है,  CAG का ही रिपोर्ट्स था जिसने कोयला और 2 जी स्पेक्ट्रम जैसे घोटाले को सबके सामने लाया था।


CAG ( नियंत्रक व म्हालेखपरिक्षक की नियुक्ति, कार्यकाल औऱ हटाना

सविधानं  में नियंत्रक म्हालेखपरिक्षक के योग्यता का उल्लेख नही है।
>लेकिन भारतीय प्रशासनिक  सेवा के अधिकारि को ही मंत्रिपरिषद के सिफारिश पर राष्ट्रपति नियुक्त करते है।
> CAG का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष जो पहले पूरा होता हो,

> भारत का एक नियंत्रक - महालेखापरीक्षक को उसे उसको पद से केवल उसी नियम और उन्ही धाराओं पर  हटाया जाएगा, जिस नियम और आधारों पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।

>भारत का एक नियंत्रक - महालेखापरीक्षक पदग्रहण करने से  तीसरी अनुसूची के तहत शपथ लेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा।

नियंत्रक - महालेखापरीक्षक की वेतन और सेवा तथा अन्य शर्ते, ऐसी  में फेरबदल केवल संसद विधि द्वारा कानून बनाकर कर सकता है। भारत का एक नियंत्रक - महालेखापरीक्षक का वेतन संचित निधि से प्राप्त होगा।

> नियंत्रक - महालेखापरीक्षक सेवानिवृत के बाद किसी भी लाभ का पद धारण नही करेगा,


● अनुच्छेद 149    भारत के नियंत्रक म्हालेखपरिक्षक के कर्तव्य और शक्तियां

Article 149 भारत  के नियंत्रक व म्हालेखपरिक्षक की शक्तियां वे होंगे जो संसद विधि बनाकर तय करेगी, औऱ जब तक संसद विधि बनाकर CAG के कर्तव्य और शक्तियों तय नही करती तब तक भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक  की  कर्तव्य और शक्तियां,  उसी प्रकार होगी जिस तरह, डोमिनियन भारत मे CAG की कर्तव्य और शक्तियां थी।


Article 149 के अनुसार केंद्र सरकार के लिए नियंत्रक - महालेखापरीक्षक Auditing का काम करता है 


● अनुच्छेद 150 संघ के और राज्यों के लेखाओं का प्रारूप ( Draft)

संघ के राज्यो का लेखाओ का प्रारूप ( formet) कैसा होगा यह रास्ट्रपति तय करेंगे, लेकिन रास्ट्रपति  तय करने से पहले, CAG से परामर्श जरूर लेंगे।


● अनुच्छेद 151  (लेखापरीक्षक ( Reports प्रतिवेदन)

भारत के नियंत्रक म्हालेखपरिक्षक   की संघ के  audit Report को रास्ट्रपति  के माध्यम से संसद प्रस्तूत किया जाता है

इसी प्रकार भारत के नियंत्रक म्हालेखपरिक्षक किसी State के Audit report को राज्यपाल के माध्यम से उस राज्य की विधानमंडल में प्रस्तुत किया जाता है




कुछ महत्वपूर्ण तथ्य---

● CAG 1950 से 1976 तक Accounting और Auditing दोनो कार्य करते  थे, लेकिन 1976 में लेखांकन (Accounting) के कार्य से मुक्त कर दिया गया।।  अब Accounting का काम एक नया संस्था करता है CGA (Controller General of the Accounting ) 

● संसद में  बहुत से समितियां (committee ) है  उन्ही में से एक लोक लेखा समिति है ( public Account committee ) 

CAG के Reports को जांच करने की कार्य लोक लेखा समिति करती है इसमें कुल 22 सदस्य होते है जिनमे लोकसभा से 15 व राज्यसभा से 7 सदस्य
(15 लोकसभा + 7 राज्यसभा =कुल 22)

● जब भी लोकसभा समिति को कुछ समस्या लगे वो CAG को बुला सकती है।
 ● स्वतंत्रत भारत के पहले CAG  नरहरि राव थे,

warrant किसके लिए जारी होता है?

Supreme Court  के (न्यायाधीश)
High Court के (न्यायाधीश)
Governor (राज्यपाल) 
CAG (नियंत्रक म्हालेखपरिक्षक) 
 
इन पदों पर नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति अधिपत्र (warrant) जारी करते है।


Golden Zero ●●●  मंत्रिपरिषद के सलाह पर राष्ट्रपति CAG को नियुक्त करते है,   जो कहीं न कहीं एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही नही है, और यही कारण है, की बड़े बड़े घोटाले ,भ्रष्टाचार बहुत समय तक उजागर ही नही हो पाते,
चुकी CAG एक सवैधानिक पद है/ संस्था है  ,इस संदर्भ में एक कॉलेजियम व्यवस्था होनी चहिए थी।

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