sex worker judgement supreme court
चर्चा में क्यों?
27-05-2022 सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि sex worker से पुलिस को समान्यजनक तरीके से व्यवहार करना चाहिए।।
उनके साथ मौखिक या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार नही करना चाहिए।
न्यायमूर्ति L nageshvar rav, न्यायमूर्ति B R गवई और न्यायमूर्ति A.S Bopanna की संवैधानिक पीठ ने राज्य सरकार को आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया। जिससे महिलाओं की उनकी इक्षा करने के विरुद्ध हिरासत में लेने के मामलों की समीक्षा की जा सके औ समयबद्ध तरीके उनकी रिहाई सुनिश्चित की जा सके।।।।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा ; जब सुनिश्चित हो जाय कि जो sex worker है वो, एडल्ट है और अपनी सहमति से वैश्यावृत्ति में आई है अपनी मर्जी से कर रही है, तो यहां पर पुलिस को कोई मुक़दमें करने से बचना चाहिए, आपराधिक ठहराना नही चाहिए
सविधानं के अनुच्छेद 21 जो समान्यजनक जीवन जीने का अधिकार है शामिल है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न माध्यमों से सेक्स worker मो उनकी अधिकारों से परिचित कराए इसके लिए उन्हें कार्यशाला का आयोजन करना चाहिए ।
इसके लिए उन्हें कार्यशाला का आयोजन करना चाहिए इसकी जानकारी देनी चाहिये कि वे तस्करों या पुलिस के उत्पीड़न से छुटकारा पाने के लिए किस तरह से न्यायिक प्रक्रिया को अपना सकती है। देश के प्रत्येक वेक्ति को समान्यजनक जीवन जीने का अधिकार है।। सुप्रीम कोर्ट
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