सविधानं का Article 142 जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया।
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Supreme court judgement |
चर्चा में क्यों?
18 /05/2022 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में फैसला सुनाते हुए 7 दोषियो में से सुपीम कोर्ट ने एक दोषी A. G Prerivalan को रिहा करने का आदेश दिया है।
● क्या था मामला।
21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई।। जांच पड़ताल में बहुत से दोषियो को पकड़ा गया, 11 जून 1991 को A. G Prerivalan को गिरफ्तार कर लिया गया। उस समय Prerivalan की उम्र लगभग 19-20 की होगी। हत्याकांड में इसका भी हाथ था लेकिन मुख्य आरोपी ,शिवरासन था।। 7 वर्ष बाद 1998 में tada court ने Prerivalan को मौत की सजा सुनाई, फिर 2014 में इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था।
तमिलनाडु सरकार ने 2008 में A. G Prerivalan को छोड़ने का मन में बना लिया था, लेकिन राज्यपाल इस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया।
● भारतीय सविधानं का अनुच्छेद 161 क्या है) What is Article 161 of the indian Constitution
सविधानं के अनुच्छेद 161 इसमे राज्यपाल की शक्ति से सबंधित है, इसके तहत राज्यपाल के पास यह शक्ति है कि वह किसी मामले में अपराध ठहराए गए अपराधी/ दोषी को उसकी सजा माफ कर सकते है, सजा को कम कर सकते है, सजा में राहत दे सकते है, या सजा को निलंबित कर सकते है।
Article 161 को आधार बनाकर ,राज्यपाल के पास दया याचिका दायर करते करते हुए रिहाई करने की मांग की।, राज्यपाल के तरफ से कोई जवाब नही आया।
2020 के लास्ट में नवंबर में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुचा, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई राज्यपाल के ऊपर, अंततः 22 जनवरी को 2021 को राज्यपाल को कहा गया आप 1 सप्ताह के अंदर फैसला लेंगे।
फिर वही हुआ राज्यपाल ने इस मामले को वर्तमान राष्ट्रपति ,रामनाथ कोविंद के पास भेजा लेकिन यहां भी वह लटका रहा।। अब यहां पर सुप्रीम कोर्ट अपने विशेषाधिकार को इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हो गई। क्योकि याचिकर्ता को सही से न्याय नही मिल रहा था, केवल उसके मामले को लटकाए रखा जा रहा था,
भारतीय सविधानं का अनुच्छेद 142 क्या है (What is Article 142 of the indian Constitution )
Article 142:- में सुप्रीम कोर्ट के विषेधाधिकार का उल्लेख है, इसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट को ऐसा लगता है की कानून किसी मामले में निश्चित निर्णय नही ले रही, या निर्णय देने में विलंब कर रही उसके पास वो प्रावधान नही है जिससे वो मामले को हल कर पाए, तो ऐसे स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के पास यह अधिकार है कि उस मामले को अपने पास लेकर उसका उचित निर्णय ले सके। उचित निर्णय दे सके।
इसी article 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट अपने विषेधाधिकार का युपयोग करते हुए, राजीव गांधी हत्याकांड में संलिप्त A.G Prerivalan को रिहा कर दिया।।|
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