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मतदान में NOTA vote का क्या मत्तलब ( none of the above ) full form of NOTA (UPSC,PCS,SSC,SI,)

भारतीय निर्वाचन  आयोग में NOTA व्यवस्था  (none of the above ) की संक्षिप्त जानकारी।। 


NOTA क्या है ।

People union for civil librty (PUCL). ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर किया, EVM में सुधार को लेकर, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले देते हुए, कहा हम चुनाव आयोग के Ballot paper ,और EVM में कुछ आवश्यक बदलाव करने का निर्देश देते है,

EVM में एक अलग से बटन जोड़ देना चाहिए जिसे  ,NOTA( उपर्युक्त में से कोई नही) कहा जा सके।।  


NOTA का प्रयोग हम तब  करते है जब चुनाव में कोई पसन्द का उमीदवार न हो,  

          चलो एक कहानी सुनाता हूं।

Patna के रहने वाले अमन मिश्रा जो एक UPSC aisprent है ,  अगले हप्ते उनके राज्य में विधानसभा चुनाव है,   चुनाव में जो मुख्यमंत्री का चेहरा है,  अमन जी उन्हें अपना वोट  देना नही चाहते  या कहे उनके कामों से प्रभावित नही है, चुकी सविधानं ,राज्य व्यवस्था इन सब चीजों को समझते है,पढ़ते है,  पिछले सभी विधानसभा चुनाव में अपने लोकप्रिय नेता को वोट करते आ रहे, इस बार ऐसा कोई नही जिसे अमन जी अपना वोट डाले,   लेकिन वो वोट देने से वंचित नही रहना चाहते,  ,अब करें तो क्या करें,           ।

इन्हीं समस्याओं के ध्यान में रखते हुए, NOTA  मतदान की व्यवस्था  किया गया,   वोटिंग मशीन में एक अलग से ना पसन्द ( NOTA) का विकल्प होगा, अगर आपको कोई पसन्द नही तो आप NOTA दबा कर अपना वोट दे सकते है, जिसका अर्थ है, मुझे कोई पसन्द नही।


magadhias
election voting 

NOTA का  मत्तलब क्या होता है/


NOTA का मत्तलब ही होता है, (None of the Above) इसका अर्थ इनमें से कोई नही

अगर कोई मतदाता ( Voter) किसी भी उमीदवार से खुस नही है तो NOTA विकल्प के जरिये अपनी ना पसन्द को बता सकता है।

● चुनाव में NOTA का युपयोग कब से होने लगा

निर्वाचन आयोग द्वारा 27 दिसंबर 2013 में विधानसभा चुनाव में electronic voting machine ( EVM ) में NOTA  button उपलब्ध कराने का फैसला लिया।      11 अक्टूबर  2013 को बैलेट पेपर पर NOTA का प्रयोग किया गया,जिस मतदाता को कोई उमीदवार पसन्द नही वो ,बैलेट पेपर को खाली छोड़ देता था।

2015 से  बिहार चुनाव के बाद सभी चुनावो में अब NOTA चिन्ह को शामिल किया गया। चुनाव में NOTA विकल्प का प्रयोग करने वाला छतीसगढ़ पहला राज्य था National institute of Design ÷ Ahmadabad) द्वारा इसका design किया गया। 

NOTA button का रंग गुलाबी होती है।

2013 से पहले NOTA जैसा कोई विकल्प ही नही था ऐसे में कोई वोट देना भी चाहता तो नही दे  दे पाता,   NOTA  system अन्य देशों में भी अलग अलग नाम से है,जैसे रूस, ग्रीस,यूक्रेन,स्पेन, उतरी कोरिया, इंडोनेशिया, भारत,बेलारूस, कोलंबिया जैसे देशों में यह system यह विकल्प मौजूद है।


● क्या होगा अगर NOTA को सभी प्रत्याशी से जयदा वोट मिल जाय।,  बहुमत NOTA को मिल जाय तो क्या हो सकता है।

● NOTA vote को और मजबूत बनाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए थे ,जो निम्न है

1. यदि NOTA को सबसे ज्यादा vote प्राप्त होते है तो, उस निर्वाचन क्षेत्र में पुनः चुनाव कराए जाय
2 NOTA को मिले Vote



2016 में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था ' सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को जवाब देते हुए कहा, की इस तरह का सामाधान,असाध्य (धनातीत incurable) और यह कहा  की हमारे देश मे चुनाव बहुत खर्चीला कार्य और बहुत महंगा  प्रबंधन है।

सुप्रीम कोर्ट के गणमान्य वकील ,संजय पारिख ने 2013 में इसके  जवाब में कहा,  " कुछ लोग (सुप्रीमकोर्ट) का तर्क है, NOTA व्यवस्था खर्च बढ़ेगा समय बर्बाद होगा, लेकिन एक दागी,भृष्ट उमीदवार जो भ्र्ष्टाचार और आपराधिक घटनाओं में लिप्त है,  ऐसे लोग  ये जब सता में आएंगे , तो देश का  उससे कही जयदा खर्च और नुकसान होगा, ऐसे लोग केवल सता में बने रहने के लिए पैसे की ही सहायता लेते है,।


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