चुनाव आयोग में मूल भूत सुधार के लिए गठित की गई प्रमुख समितियां और उनकी सिफारिशें।
एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में चुनाव निष्पक्ष और बेहतर ढंग से हो, तभी लोकतंत्र की खुशबू राष्ट्र को सुगंधित करती है।
भारत मे चुनाव सुधार को लेकर अभी तक 4 समितियां गठित की जा चुकी है
1. तारकुंडे समिति।। Tarkunde Committee (19874-75)
2. जय प्रकाश नारायण समिति Jai Prakash Narayan Committee (1974)
3. दिनेश गोस्वामी समिति Dinesh Goswami Committee (1990)
4. इंद्रजीत गुप्ता समिति। Indrajit Gupta Committee. (1998)
तारकुंडे समिति (Tarkunde Committee) की सिफारिशें (1984-75)
1. चुनाव प्रत्यासी एक निश्चित नामंकन राशि जमा करें।
2. मताधिकार की आयु 21 वर्ष के स्थान पर 18 वर्ष कर दिया जाय।,इसी को आगे सविधानं का 61वा सविधानं संसोधन के रूप में मूर्त रूप दिया जाएगा।
3. निर्वाचन आयोग के सहायता के लिए केंद्र और राज्य दोनो जगह निर्वाचन संगठन बनाई जाए और उसे सलाह देने का कार्य करे।
4. सभी उमीदवार को सरकार की और से छपे मतदान कार्ड, निः शुल्क दिए जाय तथा प्रत्येक मतदाता को कार्ड ,बिना टिकटे लगाए डाक से भेजेने की छूट दी जाय।
5. लोकसभा तथा विधानसभा, के विघटन और नए चुनाव की घोषणा के बाद से सरकार काम चलाऊ सरकार की तरह ही काम करे। वह न तो उस समय नई नई नीतियों बना सकता है, और नही लोकलुभावन वादा,एवं वस्तुएं की लालच दे सकता है, इस समय वो नही कर्ज माफी या वेतन वृद्धि जैसा कार्य कर सकता है, सरकारी समारोह आयोजन में नही ही ,मंत्री, राज्यमंत्री, उप मंत्री, अथवा संसदीय सचिव। भाग ले सकते है,
तारकुंडे समिति के यह सुझाव तो बेहतर और लाभकारी थी लोकतंत्र के लिए सुझावों के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को चुनाव सुधार में प्रयोग भी किया गया।
2. गोस्वामी समिति Goswami Committee (1990)
गोस्वामी समिति (Goswami Committee) के द्वारा सुझाये गए महत्वपूर्ण सुधार।
1. किसी भी वेक्ति को दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों पर चुनाव लड़ने की अनुमति न दी जाय।
2. सभी चुनावों में। Electronic voting machine( EVM ) का प्रयोग किया जाय।
3. चुनाव आयोग के सदस्य की संख्या बढ़ाई जाए, तथा उसे बहुसदस्यीय आयोग बनाया जाय।
4. मतदान के लिए ,गाड़ी रैली , हथियार लेकर चलना ,शराब की बिक्री और वितरण करने पर चुनावी अपराध घोषित किया जाय।
5. आयोग के अधिकरी ,पर्यवेक्षक ( supervisor) को कानूनी हैसियत प्रदान की जाय और उन्हें कुछ हालात में मतगणना रोकने का अधिकार दिया जाय।
6. सभी चुनावी मुद्दों की जांच के लिए संसद की एक स्थायी समिति का गठन किया जाना चाहिए
7. निर्दलीय उमीदवार की जमानत राशि बढाई जांना चाहिए, ऐसे में सभी उमीदवार की जमानत राशि जब्त की जानी चहिए जो 1/4 एक चौथाई vote नही पा सका।
हालांकि गोस्वामी समिति की कुछ महत्वपूर्ण बिंदु पर प्रकाश डाला गया था, लेकिन इस समिति द्वारा प्रस्तुत की गई । सिफारिशें को लागू नही किया गया, समय समय पर सरकार द्वारा इनमें से कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें को स्वीकार भी किया गया।
Sources : International Journals of Research
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