2020 से 2025 के लिए सरकार का इथेनॉल ब्लेंडिंग के ऊपर नित्ति आयोग की रिपोर्ट :---
नित्ति आयोग ने जून 2021 में 2020- 25 में भारत मे इथेनॉल ब्लेंडिंग के लिए योजना पर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज ( report) जारी किया।
2025- 26 पूरे भारत मे इथेनॉल के उत्पादन और कि सप्लाई के लिए वार्षिक योजना ( roadmap)
देश भर में इथेनॉल की मार्केटिंग के लिए व्यवस्था करना, ज़ाहिर है कि राष्ट्रीय biofuel नित्ति 2018 को जून 2018 में अधिसूचित किया गया था।इस नित्ति मे 2023 क पेट्रोल में इथेनॉल की 20% ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल करने की समय सीमा 2025 कर दी गई, प्रस्तुत report के मुख्य निष्कर्ष और सुझावों में निम्नलिखित शामिल है।
इथेनॉल की मांग का अनुमान:-
Report में अनुमान लागाया गया है कि, पेट्रोल ब्लेंडिंग के लिए भारत की इथेनॉल की जरूरत 2019-20 में 173 करोड़ liter से बढ़कर 2025-26 में 1,016 करोड़ लीटर हो जाएगी।
इस मांग को पूरा करने के लिए इथेनॉल उत्पादन क्षमता को 2019- 20 में 684 करोड़ liter से बढ़कर 2025- 26 में 1500 करोड़ liter करना होगा। इसमें निम्नलिखित की उत्पादन क्षमता शामिल है (a) 740 करोड़ liter अनाज आधारित इथेनॉल ,और ( b) 760 करोड़ liter चीनी आधारित इथेनॉल । रिपोर्ट में सुझाव दिए गया है, की भारत मे रोल आउट के लिए, जरूरत के आधार पर जिन राज्यो में विशेष है, वहां से इथेनॉल की सप्लाई उन राज्यो में की जा सकती, जहाँ इसकी कमी है, इससे देश मे इथेनॉल ब्लेंडस की एक समान उपलब्ध सुनिश्चत होगी।
इथेनॉल ब्लेंडिंग का रोडमैप।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है,पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, को अप्रैल 2022 तक ईंधन (10% इथेनॉल और 90% पैट्रोल का मिश्रण) की उपलब्धता के लिए योजना की अधिसूचित करना चाहिए। इसके लिए अतिरिक्त मंत्रालय को इस संबंध में भी योजना को अधिसूचित करना चाहिए कि पुराने वाहनों के लिए
इथेनॉल के अनुकूल वाहन।
कमिटी ने कहा कि इथेनॉल के उच्य श्रेणी के ब्लेंडस को होलिस्टकली ( समग्रता से interconnected) design किया जाना चाहिए ताकि इंजन का फेल न हो और फ्यूल इकोनॉमी कम न हो, फ्लेक्स फ्यूल वाहनों की लागत सामान्य पेट्रोल वाहनों से जयदा हो सकती है, भविस्य में इथेनॉल ब्लेंडस पेट्रोल के अनुकूल वाहनों के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए कमिटी ने निम्नलिखित सुझाव दिए है (a) अप्रैल 2023 से देशभर में ई20 मैटेरियल और ई10 इंजन त्युंड्स वाले वाहनों को शुरू किया जा सकता है ।और (b) ई20 त्युंड्स इंजन वाले वाहनों को अप्रैल 2025 से सुरु किया जा सकता है।
ईंधन उपलब्ध होता रहे। ई20 ईंधन को अप्रैल 2023 से चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाना चाहिए ताकि,2025 तक ई20 की उपलब्धता सुनिश्चित हो ।उच्च स्तरीय इथेनॉल ब्लेंडस का रोल आउट चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है। इसे उन राज्यो से सुरु किया जा सकता है जहाँ इथेनॉल का उत्पादन अधिक है।
इथेनॉल का मूल्य निर्धारण और पर्यावरणीय प्रभाव:-
2018-19 में सरकार ने एक विशिष्ट मूल्य निर्धारण नित्ति शुरू की थी ,जिसमे चीनी मिलों को बी हैवी मोलैसस ( शिरा) एक इंटरमीडिएट प्रोडक्ट) और गन्ने के रस से इथेनॉल उत्पादन के लिए उच्य दर्रों की पेशकश की गई थी,
चीनी से एक लीटर इथेनॉल बनाने के लिए करीब 2,860 लीटर पानी की जरूरत होती है, जल संरक्षण की जरूरत को देखते हुए, सुझाव दिया गया है कि कम पानी वाले फसलों की उत्पादन करना,मक्का और अन्य स्रोतों से उत्पादन को बढ़ावा देना
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(a) 2030 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा गया था, दिसंबर 2020 में इसे अवधि को हटाकर 2025 लर दिया।
(b) इथेनॉल ब्लेंडिंग को 2019 -20 में 684 करोड़ लीटर से बढ़कर 2025- 26 में 1500 करोड़ liter करना है,
(c) जिसमे 740 करोड़ लीटर अनाज आधारित इथेनॉल होगा।
(b) 760 करोड़ liter इथेनॉल चीनी आधारित होगा।
(d) चीनी से एक liter इथेनॉल बनाने के लिए करीब 2860 liter पानी बर्बाद हो जाती है,
(e) इश्लिये जल संरक्षण की जरूरत को समझते हुए, ऐसे फसल से इथेनॉल बनाने की बात कही गई जो कम पानी द्वारा उपजाया जाता हो।
Source
:- https://hi.prsindia.org/policy/report
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