महान्यायवादी और महाधिवक्ता। यह पद क्या है ? समझते है
महान्यायवादी
1. जैसे हमसे स्वन्धित कोर्ट में कोई। केस हो जाय तो, हमे विधि सबंधित (LAW) मामले की जयदा जानकारी नही होती है, क्योकि हमलोग विधि के जानकार नही है,
कानून क्या कहता है, उसकि प्रक्रिया क्या है,
यह कार्य बहुत जटिल होता है।। तो ऐसे इश्थिति में अपने मामले की पैरवी करने के लिए अक्सर एक वकील करते है। और वकील जो कोर्ट में कहता है वो हमारे ध्यान में रखकर ही कहता है, वकील कोर्ट में हमारे मामले की पैरवी करता है,
जिस प्रकार से वकील हमारे मामले की पैरवी करता है , जिस प्रकार से एक वकील विभिन्न मामलों के संदर्भ में हमें सलाह देता है, वो हमारा परामर्शदाता होता है, हमारा advisor होता है
ठीक उसी प्रकार से, भारत सरकार को विधिक मामले में बहुत सी अड़चने आती है, समस्या आती है, विधिक मामले बहुत जटिल होते है सरकार को इन मामले में advice की बहुत जरूरत होती है।
भारत सरकार के ऊपर भी बहुत से मुकदमा( case) कोर्ट में चल रहे होते है, तो ऐसे इश्थिति में भारत सरकार को कोर्ट में कोंन Represent करेगा, भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कोंन करेगा
भारत सरकार को विधिक मामले में सलाह कोंन देगा, तो इसके लिए जिस पद की स्थापना की गई है वो है। महान्यायवादी ओर राज्य अस्तर पर महाधिवक्ता
नियुक्ति (Appointment)
अनुच्छेद 76 में महान्यायवादी की नियुकि का उल्लेख है
1. महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
2. अनुच्छेद 76 में साफ साफ उल्लेख किया हुआ है
3. अनुच्छेद 76 में साफ लिखा है हुआ है कि इस पद पर उस वेक्ति को नियुक्त किया जायेगा जो सुप्रीम कोर्ट में जज बनने की योग्यता रखता है, उसी वेक्ति को महान्यायवादी के पद पर नियुक्त किया जायेेगा।
शपथ(Oath)
सविधानं में महान्यायवादी के शपथ के संदर्भ में कुछ भी नही लिखा है, लेकिन हमलोग जानते है सवैधानिक संस्था है, तो राष्ट्रपति ही शपथ दिलाते आरहे है।
महान्यायवादी सविधानं के प्रति निष्ठा की शपथ लेते है
कार्यकाल (Tenure)
अनुच्छेद 76 में साफ लिखा हुआ है महान्यायवादी राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद पर रहते है
कार्य (Work)
भारत सरकर को विधि मामले में जानकारी देेते रहना है, महान्यायवादी को राष्ट्रपति अगर कुुछ कार्य सोपते है तो महान्यायवादी वो भी काम देखते है।
MC सीतलवाड़ 1950 में भारत का पहला महान्यायवादी बने थे
सर्वाथिक कार्यकाल भी इन्ही के नाम है, 1950-1963 तक
नीरज डे 11 वर्षों तक भारत के महान्यायवादी रह चुके है।
सॉलिसिटर जनरल
महान्यायवादी सहायता देेने के लिए सॉलिसिटर जनरल होते है
महान्यायवादी की वेतन राष्ट्रपति निर्धारित करते है
2. अनुच्छेद 165 राज्य में एक महाधिवक्ता होगी राजयपाल उंनको नियुुुक्त करेंगे।
योग्यता
1.ऐसा वेक्ति जो हाई कोर्ट में जज बनने की योग्यता रखता हो
2.महाधिवक्ता राजयपाल के प्रसाद पर्यंत पद पर रहते है
इससे सबंधित किसी भी प्रकार के प्रश्न कमेंट box में करें
धन्यवाद।।।।।।।।।
1 टिप्पणियाँ
bahut achha likhte hai sir app upsc ka nots provide kraa dijiya yaa materiyal
जवाब देंहटाएंmagadhIAS Always welcome your useful and effective suggestions