पंजाब में हुए कूका विद्रोह (1840) का संछिप्त परिचय ,NET- JRF ,UPSC के लिए महत्वपूर्ण।
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Kuka rebellion in Punjab (1840) Image-magadhIAS |
कूका विद्रोह के बारे में जानने से पहले, UGC NET 2023 में पूछे महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर व्याख्या सहित देख लेते है।
96. The kuka followers tied their turbans in a peculiar fashion which was called as :कूका समर्थक अपनी पगड़ी को विशिष्ट रीति से बाँधते थे, जिसे कहा जाता था :
(a) Sudh-Pushta Pag / शुद्ध-पुश्त पाग
(b) Sidhpag/सिद्धपाग
(c) Ridhi-Sidhi pag / रिद्धि-सिद्ध पाग
(d) Panth Pag/पंथ पाग
Ans. (b) : कूका आंदोलन गुरू गोविन्द सिंह के सिद्धान्तों (राजनीतिक धर्म) को उसकी शुद्धता में पुनः लाने का एक प्रयास था। कूका नेता बालक सिंह रावलपिंडी के हजारोन में रहते थे। उनके अनुयायियों को 'सागियासिस (हबियासिस)' कहा जाता था। उनके उत्तराधिकारी रामसिंह ने सिख धर्म में सुधार लाने के लिए अनेक प्रयास किये थे। वे स्वयं को गुरू गोविंद सिंह का अवतार बताते थे। उनके अनुयायी अपने हाथों में लाठियाँ लेकर घूमते थे तथा अपनी पगड़ी को विशिष्ट रीति से बाँधते थे जिसे 'सिद्धपाग' कहा जाता था। इसके अतिरिक्त वे गाँठों से बंधी हुई ऊनी रस्सी का हार पहनते थे तथा एक ज्ञात सूत्र रखते थे।
97. Ram Singh a prominent leader of Kuka movement, declared himself as the incarnation of which Sikh Guru कूका आन्दोलन के प्रमुख नेता राम सिंह ने स्वयं को किस सिख गुरु के अवतार के रूप में घोषित किया?
(a) Guru Govind Singh /गुरु गोविन्द सिंह
(b) Guru Tegh Bahadur / गुरु तेगबहादुर
(c) Guru Angad /गुरु अंगद
(d) Guru Arjun Dev /गुरु अर्जुन देव
Ans. (a) : कूका आन्दोलन के प्रमुख नेता रामसिंह ने स्वयं को 'गुरू गोविंद सिंह' का अवतार घोषित किया था। बालक सिंह की मृत्यु (1863 ई.) के पश्चात रामसिंह कूका आंदोलन के प्रमुख नेता बने। उन्होंने सम्प्रदाय के सिद्धान्तों के अनुसार गुरू गोविन्द सिंह को एकमात्र सच्चा गुरु घोषित किया और स्वयं को उनका अवतार बताने लगे। उन्होंने खालसा के पुनरूद्धार और अंग्रेजी सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रचार किया। 1869 में फिरोजपुर और 1872 में मालेर कोटला में हुए विद्रोह के पश्चात अंग्रेजी सरकार ने रामसिंह को रंगून निर्वासित कर दिया था और खालसा के 50 सदस्यों को बंदूक से उड़ा दिया गया।
98. Who is a prominent disciple of the founder of Kuka Movement, Bhagat Jawahar Mal? कूका आंदोलन के संस्थापक भगत जवाहर मल के प्रमुख अनुयायी (शिष्य) निम्नलिखित में से कौन थे?
(a) Balak Singh / बालक सिंह
(b) Dudu Panth/दूदू पंत
(c) Mulraj Singh /मूलराज सिंह
(d) Dhyan Singh / ध्यान सिंह
Ans. (a): कूका आन्दोलन (पंजाब, 1860-70 ई.) के संस्थापक भगत जवाहरमल थे। जिन्हें लोग 'सियान साहब' कहते थे। कूका आंदोलन वहावी आंदोलन से मिलता-जुलता था। यह आंदोलन धार्मिक सुधार के लिए प्रारम्भ हुआ किन्तु बाद में यह राजनीतिक आंदोलन में बदल गया। भगत जवाहर मल तथा उनके शिष्य बालक सिंह ने अपने अनुयायियों का एक दल गठित किया और उत्तर- पश्चिम सीमा प्रांत के हजारोन में अपना मुख्यालय बनाया। कूका आंदोलन को नामधारी आंदोलन भी कहा जाता है।
99. Ram Singh, a Kuku leader had served in the army of which Sikh ruler? कूका नेता रामसिंह ने किस सिख शासक की सेना में अपनी सेवाएँ दी?
(a) Dileep Singh / दिलीप सिंह
(b) Mulraj Singh / मूलराज सिंह
(c) Nao Nihal Singh / नौनिहाल सिंह
(d) Dhyan Singh / ध्यान सिंह
Ans. (c) : कूका नेता रामसिंह का जन्म 1824 में लुधियाना जिले के भैणी गाँव में हुआ था। उनके सैनिक जीवन का आरम्भ महाराजा रणजीत सिंह के समय से प्रारम्भ होता है। रणजीत सिंह के पुत्र नौनिहाल सिंह के समय वे बाघेल रेजिमेंट में सैनिक थे। जब उनका रेजिमेंट शाही खजाना लाने के लिए पेशावर जा रहा था तब वे हजारोन में रूके थे और यहीं पर उनकी भेट कूका आंदोलन के नेता बालक सिंह से हुई थी।
कूका आंदोलन एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिस पर कम नजर जाता है। इस आंदोलन के बारे में अब हम जानते है।
इस आंदोलन की शुरुआत जवाहरमल भगत (सियान साहिब) एवं उनके शिष्य बालक सिंह ने पश्चिमी पंजाब में की। उन्होंने हाजरो नामक स्थान को अपना मुख्यालय बनाया। इस आंदोलन का उद्देश्य सिख धर्म में प्रचलित बुराइयों एवं अंधविश्वासों को दूर करके धर्म को शुद्ध बनाना था। ।
इस आंदोलन में प्रमुख सिद्धांत इस प्रकार है।
1.जातीय भेदभाव का उन्मूलन,
2.सिखों को समानता का अधिकार.
3.मांस, मदिरा एवं अन्य नशीली वस्तुओं के सेवन से परहेज,
4.अंतर्जातीय को प्रोत्साहन तथा
5.महिलाओं में पर्दा प्रथा को दूर करना इत्यादि प्रमुख थे।
प्रारंभ में कूका आंदोलन एक धार्मिक सुधार आंदोलन था, किंतु अंग्रेजों द्वारा पंजाब को हस्तगत कर लेने के पश्चात यह राजनैतिक आंदोलन में परिवर्तित हो गया। कूका आंदोलन के राजनीतिक स्वरूप अख्तियार करने पर अंग्रेज चिंतित हो गये तथा वे, इसके दमन के प्रयास करने लगे।
राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए, तो कूका अंग्रेजों को हटाकर पंजाब में सिख शासन स्थापित करना चाहते थे। उन्होंने = हाथ से बने कपड़े पहनने की वकालत की, और अंग्रेजी नियमों एवं शिक्षा तथा - उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। इस प्रकार, कूका आंदोलन की । अवधारणा स्वदेशी और असहयोग थी, जिसे कूका द्वारा प्रचारित किया गया। - फलतः, कूका आंदोलन के समर्थकों एवं अंग्रेजों में टकराव हुआ।
अंग्रेजों ने 1863 से 1872 के बीच आंदोलन को कुचलने के जोरदार उपाय किये। 1872 में आंदोलन के एक प्रमुख नेता राम सिंह को रंगून निर्वासित कर दिया गया, जहां 1885 में उनकी मृत्यु हो गई।
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