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उपनिवेशवाद क्या है ,आधुनिकतावाद क्या है, साम्राज्यवाद से क्या तात्पर्य है.नारीवाद क्या है.महापुरुष सिद्धान्त क्या है ?

उपनिवेशवाद क्या है ?(What is Post- Colonialism?)

 

Modernization ,Imperialism ,Feminism,Greatman
pic credit:-magadhIAS


1.उपनिवेशवाद क्या है ,

2.आधुनिकतावाद क्या है,

3.साम्राज्यवाद से क्या तात्पर्य है

4.नारीवाद क्या है

5.महापुरुष सिद्धान्त क्या है ?

का संक्षिप्त परिभाषा।


1.उपनिवेशवाद क्या है ,

उत्तरउपनिवेशवादउपनिवेशवाद के अंत के बाद की परिघटना है। द्वितीय विश्व युद्ध के शीघ्रबाद यूरोपीय साम्राज्यवाद का अंत होना आरंभ हो गया था। जब 1945 ई. में संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना हुई तो उस समय इसके सदस्य देशों की संख्या मात्र 51 थी। 1995 में उसको सदस्य संख्या बढ़कर 185 हो गई थी। यह उपनिवेशवाद की समाप्ति को दर्शाता है। उस समय एशियान्व अफ्रीका के अधिकांश देश-विदेशी चंगुल से मुक्त हो गये। उसके बाद आर्थिक साम्राज्यवाद का युग आरंभ हुआ जिसे नये विश्व व्यवस्था का नाम दिया गया है और सम्पूर्ण विश्व में वैश्वीकरण और निजीकरण के नाम पर आर्थिक आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास किया गया। अमेरिका के नेतृत्व में आज सम्पूर्ण विश्व में आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास जारी है।


प्रश्न 4. उत्तर आधुनिकतावाद क्या है ? (What is Post Modernization ?)

उत्तर - 1990 के दशक से उत्तर आधुनिकतावाद का जोड़ बढ़ रहा है जिसका उद्देश्य एक तरफ समाजवादी चिंतन की व्यर्थता को दिखाना था तथा दूसरी ओर भूमंडलीकरण के नाम पर चल रहे साम्राज्यवाद की वैश्विक स्वीकृति के लिए वैचारिक आधार तैयार करना था। नोम व्योमस्की इसे सहमति निर्माण उद्योग कहते हैं। उसे विमर्श करने के नाम पर पेश किया जा रहा है। यह उत्तर आधुनिकता की विकास प्रक्रिया की अंर्तकथा है। यह महावृतांत

के प्रति अविश्वास है। वस्तुत: यह उत्तर आधुनिकतावादियों के द्वारा संस्कृतिसाहित्यइतिहास आदि में अराजकता का समावेश एवं भौतिक जगत की सभ्यता को अस्वीकार करने को रणनीति है।


प्रश्न 5. साम्राज्यवाद से क्या तात्पर्य है ?(What do you mean by Imperialism ?).

उत्तरअन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के मध्य शक्ति संघर्ष में तथा अपने भू-क्षेत्र से बाहर अपनी शक्ति का विस्तार करने के लिए विभिन्न देशों द्वारा साम्राज्यवाद का प्रयोग एक प्रभावशाली साधन के रूप में किया जाता है। साम्राज्यवाद की प्रक्रियाएँ 20वीं शताब्दी के मध्य तक चलती रही तथा साम्राज्यवादी देशों की विदेश नीति का मूल आधार अपने राज्यों का विस्तार करना था। पार्कर टी मून के अनुसार, "साम्राज्यवाद का अर्थ और यूरोपीय जातियों पर उनसे सर्वधाभिन्न यूरोपीय राष्ट्रों के शासन से है।" एन. एल. मुखारिन के शब्दों में "साम्राज्यवाद में दूसरे देशों को जीतने का प्रयास निहित रहता है।"


प्रश्न 1. महापुरुष सिद्धान्त क्या है ? (What is Greatman Theory ?)

उत्तर- इतिहास का स्वरूप गतिशील होता है। इतिहास की गतिशीलता की वृद्धि में महापुरुषों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। यहाँ इतिहास में व्यक्तिवादी सिद्धांत के उद्‌भव का कारण बना। 20वीं शताब्दी के आरंभ में इतिहास लेखन का अभिप्राय महापुरुषों की जीवन कथाओं पर प्रकाश डालना था। अनेक इतिहासकारों ने युग पुरुषों यथा महारानी एलिजावेथनेपोलियनचालीनमहात्मा गाँधी आदि महापुरुषों के जीवन चरित्र पर अधिक ध्यान केंन्द्रित किया। उनके दृष्टिकोण में इतिहास के निर्माण में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। इतिहास में महापुरुष समसामयिकसामाजिक चेतना को जागृत करने वाला व्यक्ति होता है।


प्रश्न 2. नारीवाद क्या है ? (What is Feminism.)

उत्तर-महिलाओं के उत्थान व बराबरी के संदर्भ में उठाए गए मुद्दों को अक्सर नारीवाद को संज्ञा दी जाती है। स्त्री के योगदान को जीवन के हर क्षेत्र में अदृश्य रखने की साजिश विश्व के सभी समाज में आदि काल से सतत जारी है। महिला के साथ असमानता व भेद-भाव आज सर्वव्यापी है। जीवन के हरेक क्षेत्र में चाहे वह सामाजिक होआर्थिक हो या राजनीतिक असमानता व भेद-भाव व्याप्त है। अतः नारों को देश को मुख्य धारा में लाने के लिए नारीवादी आंदोलन को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। भारतीय समाज पुरुष प्रधान हैउसमें स्त्री को दोयम दर्जा प्राप्त है। उसे समाज में बराबरी का हक देना ही होगा। 


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धन्यवाद.

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