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भारत - आर्मेनिया सम्बंध (INDIA-ARMENIA RELATIONS,. (Historical background ,. Soviet Era , Bilateral agreement, trade economic)

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि  (Historical background)


भारत आर्मेनिया का  ऐतिहासिक सम्बंध है,  भारत आर्मेनिया का सम्बंध लग्भग 149 ईसा पूर्व से मौजूद है,  Thomas Cana  को 780 ईस्वी में मालाबार तट पर उतरने वाला पहले अर्मेनियाई कहा जाता है, 
भारतीय इतिहास में मध्यकाल में मुगल के समय कुछ अर्मेनियाई व्यापारी भारत आये थे, और उन्हें बहुत ही आदर सत्यकार के साथ साथ स्वागत किया गया था ।इन्हें कई विशेषाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के साथ साथ विभिन्न कार्यक्रमो में शामिल होने का अवशर प्राप्त हुआ,

मध्यकाल के समय मे अर्मेनियाई शहर Artashat , mestbin और Dvin भारत के साथ वस्तु विनिमय व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र  भारत से अर्मेनिया को कीमती पत्थरो, जड़ी बूटियों और वस्त्रों का निर्यात होता था बदले में अर्मेनिया से भारत खाल (Hides) और रंग (Dyes)

इसी तरह भारतीय उपनिवेश में अर्मेनियाई का निवेश बढ़ा आकार बढ़ा इन्होंने ईस्ट india कम्पनी  के साथ अलग अलग सम्बन्धो में भारतीय व्यापर में प्रवेश किया,अर्मेनियाई लोगो ने बंदूक बनाने और छपाई करने में काफी सक्षम थे,  मुगल शाशक अकबर की रानियों में से एक रानी अर्मेनियाई थी इसका भी उल्लेख मिलता है, जिसे मरियम जमानी बेगम कहा जाता है,

1994 में मद्रास ( चेन्नई) में प्रकाशित होने वाली अर्मेनियाई भाषा की पत्रिका "अजदरार"  दुनिया मे कही भी प्रकाशित होने वाली पहली अर्मेनियाई पत्रिका थी, 1773 में एक अर्मेनियाई रास्ट्रवादी शाहमीर शाहमिरियन,  ने मद्रास में बैठकर अर्मेनियाई राष्ट्र का एक अपना दृष्टिकोण को प्रकाशित किया। जिसे अर्मेनियाई लोगो ने एक स्वतंत्र अर्मेनिया के पहले सविधानं का मसौदा करने के प्रयास को स्वीकार किया/    

भारत के स्वतंरता के बाद कई अर्मेनियाई , ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका आदि विभन्न देशों में चले गए, वर्तमान में जो भारत मे अर्मेनियाई लोग है उनमें से अधिकांशतः ,कलकत्ता ,मुम्बई, दिल्ली आगरा चेन्नई, आदि  शहरों में रहते है क्योंकि इनका इन जगहों से  बहुत पुराना नाता है यही इनका चर्च भी है, कब्रिस्तान भी है,

कलकत्ता में स्थित  नाजरेथ का पवित्र चर्च जो 1707 में बनाया गया था,  इस चर्च की 250 वर्षगाँठ  25 नवम्बर 1957 को मनाई गई थी, यह कलकत्ता में स्थित सबसे पुराना अर्मेनियाई लोगो का चर्च है,


द्वपक्षीय समझौते (Bilateral Agreements)


1991 में अर्मेनिया की स्वतंत्रता के बाद - अर्मेनिया और भारत की सम्बंध स्थापित हुआ,   1992 में अर्मेनिया गणराज्य और भारत के बीच  राजनयिक सम्बंध स्थापित हुआ,

भारत और अर्मेनिया ने 14 दिसम्बर 1995 को नई दिल्ली में (Friendship And Cooperratio Treaty) मित्रता और सहयोग पर एक संधि पर हस्ताक्षर किए, इसके अलवाव व्यापर और वाणिज्य, संस्कृत, पर्यटन, शिक्षा ,रक्षा, विज्ञान, जैसे 30 से अधिक समझौते हो रखे है, और Technology, information technology , double tax avoidance, Between institutes और थींक टैंक में अकादमिक सहयोग है, 1999 में अर्मेनिया की राजधानी येरेवन में भारतीय दूतावास ने परिचालन शुरू किया।


Military Dimensions of Armenia-India Relations -भारत और अर्मेनिया का सैन्य आयाम|


रूस के नेतृत्व वाला CSTO एक Military Alliance  है जिसमे ,सोवियत संघ के बाद बने छह देश, अर्मेनिया, कजाकिस्तान, रूस,बेलारूस, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान आदि देश शामिल है ,इस सैन्य संगठन का हिस्सा होते हुए भी अर्मेनिया को,तुर्की अजरबैजान के विरुद्ध कोई सहायता नही मिला है, रूस के रक्षा उधोग पर पश्चमी नेतृत्व वाले प्रतिबंध के प्रभाव के कारण  यूक्रेन के कारण मास्को  दबाव में है,

आर्मेनिया को अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना है तथा अजरबैजान द्वारा दिसम्बर  2021 - 22 में घुसपैठ करके अर्मेनिया के कुछ हिस्से  हड़पे गए, इसे मुक्त कराने के लिए अर्मेनिया को एक शशक्त सेना व हथियार की आवश्यकता है, आर्मेनिया के लिए भारत एक संभावित सैन्य साझेदार है। वर्ष  2015 से ही आर्मेनिया  भारतीय सैन्य हार्डवेयर में अपनी दिलचस्पी प्रकट की थी,  2020 में  येरेवन ने हथियारों के  स्थान पता लगाने वाला,   भारतीय स्वाति राडार के लिए अर्मेनिया ने भारत के साथ 40$ मिलियन के हथियार के लिए समझौता पर हस्ताक्षर किया।  यह  रडार अपने 50 किमी से अधिक की दायरे को स्कैन करने सक्षम है,   भारत ने स्वाति रडार को चीन और पाकिस्तान के सीमा पर सफलतापूर्वक तैनात कर चुका है,

https://www.magadhias.com/2023/01/india-armenia-relations-historical.html
Weapon Locating  Swathi  radar :photo -commons.wikimedia


जून 2022 में अर्मेनिया के साथ सीमा पर निकट अजरबैजान के संभावित सैन्य अभियानों  को सामने आने के बाद अर्मेनिया सरकार ने , attacking defense Equipment  के बारे में सोचना सुरु किया   अक्टूबर में अर्मेनिया के रक्षा मंत्री अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ भारत  का दौरा किया अपने समकक्ष भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की  , दोनो देशों के मीडया व अन्य श्रोतों ने बताया कि, आर्मेनिया भारत से  पिनाक मल्टी - बैरल रॉकेट लांचर  Pinaka multi barrel rocket launcher  (MBRL) सहित अन्य हथियारों के निर्यात होंगे,

पिनाक को बनाने वाली Solar Industries के अध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल कहते है "पिनाक रॉकेट्स की लाइफ और रेंज और सटीक कर दिया गया है, और अब यह और घातक हो चुका है, हमे दो साल में कुल मिलाकर अर्मेनिया 375 रॉकेट्स देने है जिसका कुल वैल्यू है 300  करोड़ रुपये का है।"

इस रॉकेट का नाम भगवान  शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है, पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लांचर 44 सेकंड के अंदर 12 रॉकेट फायर करके दुश्मन के धुँवा धुँवा कर देता है, 10 से 90 किमी की मारक क्षमता है /


https://www.magadhias.com/2023/01/india-armenia-relations-historical.html
Pinaka multi barrel rocket launcher ;
photo : drdo










आर्मेनिया के बारे में कुछ जानने योग्य तथ्य।  (Some interesting facts about Armenia)


आर्मेनिया पश्चिम एशिया और काकेशस क्षेत्र में स्थित Land Lock  देश है,  1990 से पहले सोवियत संघ का ही एक भाग था,  आर्मेनिया की स्वतंरता 1990 में  मिल चुकी थी, लेकिन पूर्ण रूप से 1991 में हुई ,या कहे इसकी स्थापना    1991 में  हुई।।


आर्मेनिया की कुल क्षेत्रफल 29800 वर्ग किमी है जिसका 4.71% जलीय क्षेत्र है,

अर्मेनिया की राजधानी - येरेवान (Yerevan )

Currency - Armenian Drama

Armenia GDP- 13.86 Billion  USD%(2021)

2008 की जनसंख्या के अनुसार  32,31900 कुल इतना है

Ethnic groups of Armenia

Armenia 98.1%
Yazidis   1.2%
Kurds   0.1%
Assyrians.  0.1%
Russian.  0.4%
Other   0.1%

अर्मेनिया के साथ सीमा साझा करने वाला देश Country sharing border with Armenia (तुर्की, जॉर्जिया,अजरबैजान, और ईरान

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