पर्यावरण, क्या है उसके प्रमुख घटक,परिभाषा ,महत्व
![]() |
environment nature tree,cloud, |
भूगोल की परिभाषा एवं विषय क्षेत्र Definition and scope of geography
भूगोल परिभाषा कोश के अनुसार, "चारों ओर उन बाहरी दशाओं का योग, जिसके अन्दर एक जीव अथवा समुदाय रहता है या कोई वस्तु रहती है।" ए० जी० टेन्सले के अनुसार " प्रभावकारी दशाओं का सम्पूर्ण योग, जिसमें जीव रहते हैं, पर्यावरण कहलाता है।" विद्वान रॉस के अनुसार, "पर्यावरण वह बाह्य शक्ति है, जो प्रभावित करती है ।" भूगोलवेत्ता डडले स्टाम्प के अनुसार, “पर्यावरण प्रभावों का ऐसा योग है, जो जीव के विकास एवं प्रकृति को परिवर्तित तथा निर्धारित करता है।
" हर्सकोविट्स के अनुसार, According to Herskovits,
"वातावरण उन सब बाहरी दशाओं और प्रभावों का योग है जो प्राणी के जीवन और विकास पर प्रभाव डालते हैं।" संक्षेप में, कह सकते हैं कि पर्यावरण के वे सभी प्राकृतिक एवं मानव निर्मित कारक सम्मिलित हैं, जो चारों ओर से घेरे हुए और प्रभावित करते हैं, दूसरे शब्दों में पर्यावरण के अन्तर्गत भौतिक, सांस्कृतिक अथवा जैविक-अजैविक प्रभावशील घटकों को सम्मिलित किया जाता है, जो जीव की दशाओं और कार्यों को प्रभावित करता है। इस प्रकार भौतिक कारक के अलावा सांस्कृतिक कारकों के प्रभावों को भी सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार पर्यावरण को पाँच बिंदुओं में विश्लेषित किया जा सकता है
(1) पर्यावरण बाह्य शक्ति है ।
(2) ये शक्तियाँ परस्पर सम्बन्धित हैं ।
(3) इन शक्तियों का जीव पर प्रभाव ।
(4) ये शक्तियाँ गत्यात्मक (परिवर्तनशील) हैं ।
(5) इन शक्तियों का जीव पर प्रभाव स्पष्ट देखा जा सकता है पर्यावरण को दो प्रमुख प्रकारों में बाँटा जा सकता है
1. भौतिक पर्यावरण (Physical Environment)-
भौतिक पर्यावरण प्रकृति का अनुपम उपहार है । इसका कोई विकल्प नहीं है । यह अमूल्य संसाधन सहज सभी को उपलब्ध है। भौतिक पर्यावरण से तात्पर्य उन भौतिक अथवा प्राकृतिक कारकों से है, जिन पर प्रकृति का सीधा नियंत्रण है, जिन्हें भगवान ने बनाया है यानि मानव का हस्तक्षेप इसके निर्माण में नहीं है। यदि मनुष्य को इस पृथ्वी से हटा लिया जाय तो जिन क्रियाओं-प्रक्रियाओं और प्रतिक्रियाओं पर कोई अन्तर न आये, उन सब कारकों को भौतिक पर्यावरण के अन्तर्गत रखा जाता है । इसका आशय यह है कि जिसका निर्माण और नियंत्रण मनुष्य से परे है, जो प्रकृति प्रदत्त है, वह सब कुछ भौतिक पर्यावरण के अन्तर्गत आता है, जैसे सूर्य ताप, ऋतु परिवर्तन, स्थिति, भू-वैज्ञानिक संरचना, धरातल, भूकम्प ज्वालामुखी, खनिज, मिट्टियाँ, वनस्पति, जलराशियाँ, जीव-जन्तु ऐसे कारक हैं, जो प्रकृति जन्य हैं। इसलिए उक्त सभी कारकों को प्राकृतिक अथवा भौतिक पर्यावरण के अन्तर्गत रखा जाता है।
2. सांस्कृतिक पर्यावरण (Cultural Environment)
सांस्कृतिक पर्यावरण मानव निर्मित होता है तथा मानव का इस पर पूर्ण नियंत्रण होता है। यथा-संविधान, धर्म, दर्शन, संस्कृति, प्रतिमान, आदर्श मूल्य, सामाजिक परम्पराएँ रीति-रिवाज, सामाजिक सम्बन्ध । इन अमूर्त तथ्यों के अलावा मूर्त कारक भी सांकृतिक पर्यावरण के अन्तर्गत आते हैं, जैसे सड़कें, पुल, भवन, तालाब आवास, शहर, सुरक्षा, चिकित्सा, शिक्षा केन्द्र, परिहवन स्थल, मनोरंजन स्थल आदि । मनुष्य पहले इनका निर्माण करता है और फिर इनसे प्रभावित होता है। नगरीय एवं औद्योगिक स्थलों पर सांस्कृतिक पर्यावकरण विशेष प्रभावी होता है शिक्षा केन्द्रों पर भी सांस्कृतिक कारक अत्यधिक प्रभावी होते हैं, जबकि पर्यटन स्थलों पर भौगोलिक और सांस्कृतिक दोनों कारक प्रभावी होते हैं। सांस्कृतिक पर्यावरण वस्तुतः मनुष्य के भौतिक कारकों के प्रति अनुकूलन, समायोजन, संघर्ष आदि की प्रतिक्रिया-अनुक्रिया के परिणामस्वरूप जन्मा है; उद्योग के साथ-साथ संस्कृति में भी देखा जा सकता है ।
पर्यावरण के अवयव (घटक ) (Components of Environment)
पर्यावरण अनेक अवयवों से मिलकर बना है। स्थूल रूप में अध्यात्म में इसे जड़ और चेतन कहा गया है जिसे आधुनिक वैज्ञानिक अजैविक एवं जैविक कह कर विभाजित करते हैं। इसे भौतिक एवं अभौतिक अवयवों में विभक्त किया जा सकता है । इन घटकों की सर्वप्रथम वैज्ञानिक विवेचना 1948 में वनस्पतिशास्त्री ओस्टिंग ने की और निम्न प्रमुख घटकों में विभाजित किया-
1. पदार्थ (मिट्टी + पानी),
2. दशाएँ (ताप + प्रकाश),
3. बल (पवन + गुरुत्व),
4. जीव (जन्तु+वनस्पति),
5. काल (ऋतु समय) |
पर्यावरणविद् डौरेनमिर (1954) ने पर्यावरण के कारकों को सात वर्गों में सात वर्गों में विभाजित किया है-
1. मिट्टी,
2. हवा,
3. पानी.
4. आग,
5. ताप,
6. रोशनी,
7. जीव-जन्तु संक्षेप में पर्यावरण, अध्ययन को सरल करते हुए पर्यावरण घटकों को दो वर्गों में विभक्त किया जा सकता है
1. भौतिक कारक (Physical Factor )
1. पार्थिकक कारक भू-रचना (भू-वैज्ञानिक संरचना खनिज, चट्टानों एवं मृदा) । धरातल- (उच्चावच-पर्वत, पठार मैदान) । स्थिति- (अवस्थिति, ज्यमिति परिस्थिति एवं क्षेत्र के सन्दर्भ में स्थिति)
Environmental Law and Policy
2. सांस्कृतिक घटक (Cultural Factor)
1. आर्थिक घटक - (अ) कृषि, (ब) उद्योग, (स) व्यापार ।
2. सामाजिक घटक- (अ) संस्कृति, (ब) दर्शन, (स) व्यवहार, (द) आदर्श ।
3. धार्मिक घटक- (अ) संस्कार, (ब) परम्पराएँ ।
4. राजनीतिक घटक- (अ) नीतियाँ, (ब) चेतना ।
पर्यावरण घटकों का स्थल विभाजन उक्त है तथा सूक्षम विभाजन निम्नलिखित है- इस कार पर्यावरण इन्हीं घटकों से मिलकर बना है ।
सतत विकाश, पर्यावरण को संतुलित करने का एक मात्र उपाय है, लेकिन वर्तमान में मानवीय लालची गतिविधियों ने सतत विकास को हास्यास्पद बना दिया है।
0 टिप्पणियाँ
magadhIAS Always welcome your useful and effective suggestions