बिहार में बाढ़ आने के कारण Due to floods in Bihar
बिहार भारत का सबसे जयदा बाढ़ ग्रस्त राज्य है , बिहार के 76% भूभाग बाढ़ से प्रभावित रहता है, किसी न किसी रूप से,
बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar)
बिहार भारत का सर्वाधिक बाढ़-प्रवण राज्य है। यहां बाढ़ लगभग नियमित घटना है, हालांकि उसकी तीव्रता में अंतर होता है।
राज्य में कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र 68,800 वर्ग किमी. है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किमी. का 73.06 प्रतिशत है।
> उत्तर बिहार का मैदानी भाग बाढ़ के लिहाज से खासतौर पर असुरक्षित है और यहां की 76 प्रतिशत आबादी बाढ़-प्रवण है।
• भारत के 400 लाख हेक्टेयर बाढ़-प्रवण क्षेत्र में बिहार के बाढ़-प्रवण क्षेत्र का हिस्सा लगभग 17.2 प्रतिशत है। इसी प्रकार, देश की कुल बाढ़ प्रभावित आबादी का 22.1 प्रतिशत हिस्सा बिहार में निवास करता है।
> बिहार में बड़े पैमाने की बाढ़ों का मुख्य कारण यह है कि उत्तर बिहार की लगभग सारी नदियां उत्तर में स्थित नेपाल की तीखी ढाल से दक्षिण दिशा में बहकर आती हैं और अपने साथ भारी मात्रा में गाद लाती हैं, जिससे नदियों के बेसिन उथले होते जाते हैं।
> इसके अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और झारखंड से बहकर आने वाली नदियां दक्षिण से उत्तर की ओर बहती हैं।
ये सारी नदियां अंततः विभिन्न स्थानों पर गंगा में मिल जाती हैं। वर्षा ऋतु में ऐसी सारी नदियां बिहार में बाढ़ संबंधी असुरक्षित स्थिति की स्रोत बनती हैं।
• बाढ़ से बचने के लिए बिहार में 3,746 किमी. और नेपाल में 68 किमी. लंबाई में तटबंध बनाए गए हैं।
> इसके अलावा चंदन नदी बेसिन में 101 किमी. लंबाई में तटबंधों का निर्माण हो रहा है और महानंदा बेसिन में 1,196 किमी. लंबे तटबंध बनाने की योजना है। चूंकि ये तटबंध बाढ़ से बचाव के स्थायी समाधान नहीं हैं।
इसलिए बाढ़ की परिघटना बिहार की आबादी को परेशान करती रहती है। बाढ़-प्रवण जिले बिहार के 38 में से 28 जिले बाढ़-प्रवण हैं। इन 28 जिलों में से 15 को अत्यंत बाढ़-प्रवण माना जाता है।
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