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INSTC Corridor ( Russia used INSTC corridor for the first time to send goods to India)

INSTC ( International North- South Transit  Corridor) अंतरास्ट्रीय उत्तर- दक्षिण परिवहन गलियारा।


भारत -ईरान-रूस को जोड़ने वाली यह एक व्यापारिक मार्ग है, जो इन दोनों देशों के आपसी व्यापार को बढ़ा देगा, INSTC corridor के तहत सस्ते Multi Model Transport  Routs भारत और रूस के बीच trade Connectivity में सुधार करेगा।


चर्चा में क्यों:-

बीते सप्ताह, भारत - रूस के मध्य कच्चा तेल आयात को लेकर  रूस खबरों में रहा, क्योकि भारत, रूस से अपने जरूरत के 16% तेल रूस से आयात करके एक महत्वपूर्ण  परिवर्तन किया,रूस यूक्रेन युद्ध से पहले भारत अपनी जरूरत के 1% तेल रूस से खरीदता था,  है, खाड़ी देशों पर निर्भरता कम हुई,  और इसके साथ  ही INSTC corridor  भी शुर्खियो में रहा। क्योकि रूस INSTC गलियारे को पहली बार युपयोग करते हुए भारत को एक शिपमेंट भेजी, जो बिना बाधा के अपने स्थान तक पहुच गया।  यह एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।


magadhIAS
source; wikipedia --INSTC corridor india iran russia :
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◆ INSTC Corridor के बारे में.

 INSTC  में वर्तमान समय मे 13 देश शामिल है और यह स्वेज नहर पर निर्भरता को कम कर देगा और यूरोप से एशिया के मध्य माल धुलाई  में गतिशीलता प्रदान करेगा, तेजी लाएगा।
 
वर्ष 2000 में भारत- रूस -ईरान आपसी व्यापार को लेकर  विचार विमर्श करते है ,चुकी स्वेज नहर से भारत - रूस के मध्य व्यापार खर्चीला और  माल ढुलाई में लगने वाला अत्यधिक समय  आर्थिक गतिविधियों पर बोझ डालता है, इसी समस्या से निजात के लिए भारत, रूस ,ईरान ने INSTC Corridor की स्थापना की , INSTC Corridor यूरोप को एशिया तक सुगमता के साथ पहुच सुनिश्चित कर सकेगा।

INSTC Corridor का मार्ग :-

 भारत के जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (मुम्बई) उसके बाद 1275 किमी समुद्री मार्ग से  Strait of hormuz के समीप बंदर अब्बास बंदरगाह ( ईरान)  उसके बाद पश्चिम में इश्थित अंजली बंदरगाह कैस्पियन सागर से लगताय है   उसके बाद रूस के लगान  और अस्तरखांन बंदरगाह   (रूस) तक यह सुगमता से पूर्ण रास्ते है।


Jawahrlal Nehru port (Mumbai) -----> Bandar Abbas port (Iran. Starit of Hormuz) -------> Anzali port (IRAN. Caspian sea ------->  Astrakhan port and Lagan port ( Russia)


वर्ष 2002 में INSTC corridor को साकार  करने के लिए इस पर काम सुरु हुआ, उसके कुछ समय बाद ही बहुत से देशों को यह corridor प्रोजेक्ट पसन्द आया औऱ लगभग 10 देश इसमें शामिल हो चुके है, जिसमे  अजरबैजान , आर्मेनिया ,कजाकिस्तान,  तजाकिस्तान किर्गिस्तान, तुर्किये, यूक्रेन, सीरिया, बेलारूस,ओमान, को शामिल किया गया है, दो observer  देश ,लातविया, एस्टोनिया है , INSTC के तीन संस्थापक देश ,INDIA, RUSSIA, IRAN है।


◆ भारत के लिए INSTC का महत्व ।

भारत 5 Trillion Dollar  की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य 2024 तक रखा है लेकिन covid से लक्ष्य हासिल करने में समय लग सकते है, IMF के अनुसार 2026 -27 तक भारत 5 Trillion dollar की Economy बन जायेगा, इसके लिए जरूरी है कि trade बढ़े जयदा से जयदा product export हो, इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो,     चुकी भारत INSTC को एक आर्थिक गलियारे के रूप में देखता है,जो  शिधा- शिधा पाकिस्तान को दरकिनार करता है, इश्लिये, ईरान में इस्थित चाबहार पोर्ट को विकाश किया है, ताकि चाबहार से सड़क व रेल माध्यम से मध्य एशिया एवं यूरोप तक आवागमन सुगम एवं सस्ता हो सकेगा।

इस corridor से भारत - रूस के मध्य द्विपक्षीय व्यापार में भी वृद्धि होगी, दोनो देश एक दूसरे के और करीब आएंगे, भारत रूस के मध्य द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 8 से 10 Billion dollar पर  था, और यह 10 से 14 Billion dollar पर ही झूलते रहते है, इतने पुराने अहम मित्र राष्ट्र होने के बावजूद  भी trade नगण्य सा है, INSTC इस कमी को पूरा करेगा,   साथ ही ईरान के साथ भारत की  रिश्ते और समृद्ध होंगे, 

वर्तमान में, रूस व यूरोप से व्यापार का इकलौता मार्ग स्वेज नहर ही है, इसके विकल्प के रूप में INSTC भारत को नॉर्डिक यूरोप, मध्य एशिया, रूस से जोड़ता है और आने वाले समय मे इसका विस्तार करने की अपार क्षमताएं है,  समुद्र, रेल, सड़क के माध्यम से व्यापार हिग जिसमे माल ढुलाई में लगी लागत में 30% तक कि कमी आएगी। 

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