भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। (Write a short note on Article 15 in Indian Constitution) -
![]() |
Article 15, untouchability offences ;source :magadhIAS |
अनुच्छेद 15 (Article 15) राज्य किसी भी नागरिक के साथ ,केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग, जन्म-स्थान आदि के आधार पर भेदभाव नही करेगा/
केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग, जन्म-स्थान अथवा इनमें से किसी के आधार पर कोई नागरिक दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों तथा सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश के या पूर्ण या आंशिक रूप से राज्य निधि से पोषित या साधारण या जनसाधारण के उपयोग के लिये समर्पित कुओं, तालाबों, स्नान घाटों, सड़कों तथा सार्वजनिक स्थानों के उपभोग के बारे में किसी निर्योग्यता, प्रतिबन्ध या शर्त के अधीन न होगा।
संविधान में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि, “अस्पृश्यता का अन्त किया जाता है। और उसका किसी भी रूप में आचरण में लाया जाना निषिद्ध किया जाता है। अस्पृश्यता से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना अपराध होगा जो विधि के अनुसार दण्डनीय होगा।"
अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 पर प्रकाश डालें। (Throw light on the untouchability offences act, 1955.)
अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम 1955 (The Untouchability Offences Act, 1955) अनुच्छेद 15 को विस्तार से लागू करने के लिये केन्द्रीय सरकार ने इस अधिनियम को पास किया। कानून के रूप में यह अधिनियम 1 जून, 1955 से लागू हुआ।
इस अधिनियम की प्रमुख धारायें निम्नलिखित हैं- (The section of the act is as follows)
(1) प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी प्रकार पूजा, प्रार्थना या दूसरे धार्मिक संस्कार करने की स्वतन्त्रता होगी।
(2) प्रत्येक व्यक्ति को धर्म सम्बन्धी पवित्र नदी, तालाब आदि में स्नान या पानी देने की स्वतन्त्रता होगी।
(3) प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी दुकान, जलपानगृह, होटल या सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश करने की और धर्मशालाओं के बर्तनों आदि को व्यवहार में लाने की स्वतन्त्रता होगी।
(4) किसी भी नदी, कुएँ, नल, घाट, श्मशान या कब्रिस्तान के स्थानों को व्यवहार में लाने की स्वतन्त्रता होगी।
(5) किसी भी मुहल्ले में जमीन खरीदने, मकान बनाने और रहने की स्वतन्त्रता होगी।
(6) किसी भी धर्मशाला, सराय आदि से अछूतों को लाभ उठाने का पूरा-पूरा अधिकार होगा ।
(7) किसी भी प्रकार के आभूषण या वस्त्र पहनने की स्वतन्त्रता होगी।
(8) प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी सार्वजनिक चिकित्सालय, औषधालय, शिक्षण संस्थान या छात्रावास में प्रवेश का अधिकार होगा और वहाँ प्रत्येक के साथ समान व्यवहार किया जायेगा ।
(9) अस्पृश्यता के आधार पर किसी भी दुकानदार को किसी भी व्यक्ति को कोई भी वस्तु बेचने से इन्कार नहीं करना होगा
(10) उपर्युक्त कानून के किसी भी नियम का उल्लंघन करनेवाले या अस्पृश्यता को बढ़ावा देने वालों को कानून दण्ड दिया जायेगा। यह दण्ड 6 मास की कैद या 500 रु० जुर्माना या दोनों हो सकते हैं
article 15, Untouchability ,Untouchability Offences Act, 1955,केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग, जन्म-स्थान,
0 टिप्पणियाँ
magadhIAS Always welcome your useful and effective suggestions