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फ़ॉकलैंड द्वीपसमूह विवाद Falkland islands dispute between Argentina and United kingdom

फ़ॉकलैंड द्वीपसमूह पर संप्रभुता को लेकर Argentina और United Kingdom के बीच विवाद है।


Falkland Islands sovereignty dispute between Argentina United Kingdom।


भारत मे बोरिस जॉनसन की यात्रा के ठीक बाद Argentina के विदेश मंत्री  Santiago   Cafiero  (सैंटियागो कैफीएरो  ) Raisina Dialogue  में भाग लेने के लिए भारत पहुँचे है , इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी, लेकिन Santiago Cafiero का यह भारत दौरे का मुख्य मकसद    Falkland island पर ब्रिटेन के साथ बात- चीत करना, जिसमे भारत मदद करें, चुकी दोनो देशों के साथ भारत का सबन्ध काफी अच्छे है, इश्लिये भारत से उम्मीद करना गलत नही है/

Santiago  Cafiero  नई दिल्ली में होने वाली Raisina Dialogue  में प्रमुख मेहमानों में एक है। 

हाल ही में जब  Argentina  चीन के BRI project में शामिल हो चुका है, इश्लिये आर्थिक रूप से बदहाल अर्जेंटीना को चीन से BRI के रास्ते लोन मिलने की उम्मीद काफी बढ़ गई है, वर्तमान समय। मे चीन की लोन सभी को भाते है,लेकिन भविष्य में चीनी लोन गले का फंदा बन जाता है,उदाहरण के रुप में  एशियाई देश,  श्रीलंका - नेपाल -मालदीव, पाकिस्तान, है   USA ,तथा यूरोपीय देशों के लिए एक चिंता का विषय बन गया, यूरोपीय देशों में United Kingdom की चिंता का तार्किक रूप से अहम है ।क्योंकि  चीन Argentina को Falkland Islands पर प्रत्यक्ष रूप से  समर्थन करता आ रहा है। और यह United Kingdom के लिए बर्दास्त नही है। नाकाबिले माफी है,

Falkland island images source :worldatlas.com


फिलहाल Falkland Islands  पर United Kingdom की अधिकार में है। Falkland Islands सम्प्रभुता विवाद को लेकर  को लेकर 1982 में  Briten और Argentina के बीच एक युद्ध भी हो चुके है।  
United Kingdom का royal  air force का base भी मौजूद है यहां जो कि। Mount pleasant में इश्थित है।
  

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image source:-britannica.com

अन्तराष्ट्रिय विचार- विवाद

अर्जेंटीना ने विश्व  को फ़ॉकलैंड आइलैंड पर ब्रिटेन के अवैध कब्जे को बताना सुरु किया, सभी महत्वपूर्ण अंतरास्ट्रीय मंचो पर Falkland island का मुद्दा उठाया,  दक्षिणी अमरीकी देशों में बहुतों ने अर्जेंटीना को समर्थन  भी मिल रहा है, Communist party of china  ने अर्जेंटीना के इस कदम को फ़ॉकलैंड द्वीप पर  अर्जेंटीना के सम्प्रभुता का समर्थन किया है,       चुकी चीन की सबसे बड़ी समस्या ताइवान है ,अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था का बदहाल स्थिति, विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहा अर्जेंटीना, चीन का BRI प्रोजेक्ट में शामिल हो गया, सायद इससे जो निवेश आएंगे उससे यह देश खड़ा हो जाय। यही कारण है कि फॉकलैंड आइलैंड पर चीन का प्रत्यक्ष रूप से समर्थन आया है, यह कदम ब्रिटेन के उकसाये के लिए  काफी था।


magadhIAS
Argentina president and chines president ;photo..casa Rosada


Falkland island पर भारत  ब्रिटेन के समर्थन में कुछ बात कहे, यह आशा  ब्रिटेन की रही है, लेकिन फिलहाल भारत सरकार का ऐसा कोई इरादा नही है, क्योकि POK पर ब्रिटेन की भूमिका जी पाकिस्तान के समर्थक रूप में रहा है।  जिस प्रकार भारत के अभिन्न अंग कश्मीर पर पूर्व में ब्रिटेन का विचार रहा है,  मुझे नही लगता, भारतीयों के दिल मे ब्रिटेन के सम्प्रभुता के प्रति कोई सहानुभूति या अफसोस है,पाकिस्तान जो  आतंकवाद की कारखाना है, भारत   में instability लाने की आज तक कोशिश कर रहा है, वही आज भी ब्रिटेन के संसद में कश्मीर पर भारत को प्रवचन सुनाए जाते है,  यह मूर्खता की प्रदर्शन है, 

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