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भारत के सविधानं ,मौलीक अधिकार ( अनुच्छेद 12-35 तक) सविधानं का मैग्नाकार्टा , fundamental Right in Hindi

भारतीय सविधानं ,मौलीक अधिकार उसके उपबन्ध, 


भाग 3   मौलीक अधिकार (अनुच्छेद 12-35 तक) मे मौलीक अधिकारों का उल्लेख है।

भाग तीन को सविधानं का मैग्नाकार्टा कहा जाता है/

1. समानता का अधिकार  (अनुच्छेद (14- 18)

2. स्वतंत्रता का अधिकार  (अनुच्छेद 19- 22)

3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23- 24)

4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार  (अनुच्छेद। 25- 28)

5. सँस्कृति और शिक्षा सबन्धी अधिकार (अनुच्छेद 29- 30)

6. सवैधानिक उपचारों का अधिकार  (अनुच्छेद 32)

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समता के अधिकार।( Article 14 -18)

> (अनुच्छेद 14) कानून के समक्ष समानता ,और कानूनों के समान संरक्षण।

(अनुच्छेद 15)  धर्म मूलवंश ,जाती, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव निषेध।
 
> दुकानों होटलों ,कुआं तालाबों स्नानघाट, सड़क आदि में प्रवेष की समानता

(अनुच्छेद 16) रोजगार मे अवसर की समानता।

>  (अनुच्छेद 17) छुआछूत का अंत

(अनुच्छेद 18) उपाधियों का अनतःend

स्वतंत्रता का अधिकार।  (Article 19 -22)

अनुच्छेद 19 के अंतर्गत 6 प्रकार की स्वतंत्रता नागरिकों को प्राप्त है



(अनुच्छेद 19A) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता  वयक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार।
19A में भारतीय सविधानं में प्रेम की स्वतंत्रता (freedom of speech) का प्रत्यक्ष
प्रावधान नही है ,परंतु यह स्वतंत्रता 19A में ही उल्लेख  है।

 (अनुच्छेद 19 (B)  शांतिपूर्ण हथियार रहिर ढंग से जमा होने और सभा करने  की आजदी।

Article 19( C).संगम या संघ  सहकारी समिति बनने और संगठित होने की स्वतंत्रता।

Article 19(D). भारत में कही आने जाने का स्वतंत्रता
Article 19 (F). भारत के किसी भी हिस्से में बसने और रहने का स्वतंत्रता

Article 19(G) .कोई भी पेशा चुनने व्यापर करने का अधिकार।

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> (अनुच्छेद 20) अपराधों के लिए दोषसिद्धि के सबन्ध मे संरक्षण।
 20C) के तहत अपने विरुद्ध गवाह बनने के लिए बाध्य नही किया जा सकता है।

> (अनुच्छेद 21) जीवन की रक्षा और दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार।

> (अनुच्छेद 21A) शिक्षा का अधिकार 

> (अनुच्छेद 22) अभियुक्तों और सजा पाए लोगो के अधिकार। दोषियों के लिए  कुछ मामले में स्वतंत्रता।


शोषण के विरुद्ध अधिकार। (Article 23-24)

> मानव के तस्करी ( दुर्वव्यापर) और बन्धुवा मजदूरी पर रोक
> जोखिम वाले कामों में बच्चे  से मजदूरी कराने पर रोक


धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार। (Article 25-28)

> आस्था  और प्राथना करने की आजादी
> धार्मिक मामले में प्रबंधन करने की आजदी
> किसी विशेष धर्म की अभी वृद्धि के लिए कर अदा करने की स्वतंत्रता
> कुछ शिक्षा संस्थाओ में धार्मिक शिक्षा या उपासना में उपश्थित होने की स्वतंत्रता।


सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार। (Article 29-30)

> अल्पसंख्यको की भाषा और संस्कृति की संरक्षण का अधिकार
> अल्पसंख्यको को शैक्षिक संस्थाए स्थापित करने का अधिकार


🇮🇳🙂 Article 31 में संपति के अधिकार का उल्लेख  था, 44वे सविधानं संसोधन अधिनियम 1978 में मौलीक अधिकरो की श्रेणी से हटा दिया गया।

और सविधानं के भाग 12 में Article 300(A) के तहत इसे कानूनी अधिकार बना दिया गया।



सवैधानिक उपचारों का अधिकार। (अनुच्छेद 32)

> मौलीक अधिकारों को लागू करवाने के लिए न्यायलय में जाने का अधिकार।


अनुच्छेद 32 में सर्वोच्य न्यायालय द्वारा जारी किए जाने वाली रिट का उल्लेख है, जो निम्नलिखित है:/

magadhias




अनुच्छेद 33 - के अनुसार संसद 
भारतीय एवं विदेशी नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकार देता है कि वह सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और अन्य के मौलीक अधिकरो को ,कम करता सकता है या प्रतिबंध कर सकता है,

अनुच्छेद 34 . 
के तहत अगर देश मे कभी सैन्य शाशन लग जाय (मार्शल लॉ)  उसमे  नागरिकों के जो मौलीक अधिकरो का हनन हुआ है ,उलंघ्न हुआ है, तो संसद इस इश्थिति मे कानून बनाकर क्षतिपूर्ति  करेगी।
संसद द्वारा बनाये गए क्षतिपूर्ति कानून को किसी भी न्यायालय में चुनोती नही दी जा सकती



अनुच्छेद 35. इसके अनुसार संसद को कुछ विशेष विषयो पर कानून 
बनाने का अधिकार केवल ओर केवल सर्वोच्य न्यायलय को होगा।

जो निम्नलिखित है।

अनुच्छेद 16(3)
अनुच्छेद 32(3)
अनुच्छेद 33
अनुच्छेद 34

इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केवल supreme court को है विधानमंडल को नही।


◆ भारत एवं विदेशी नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकार ,इस प्रकार है,।





Sourc:/ ncert and other बौरेट act

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